माइक्रोसॉफ्ट के वीडियो कॉलिंग ऐप स्काइप ने विंडोज फोन और पुराने एंड्रॉयड वर्जन से लैस स्मार्टफोन को सपोर्ट बंद करने का ऐलान कर दिया है। कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में पुष्टि करते हुए बताया कि कंपनी को विभिन्न प्लेटफॉ़र्म पर सर्विस देने में देरी का सामना करना पड़ रहा है।
स्काइप ने खुलासा किया कि पीर-टू-पूर बेस्ड आर्किटेक्चर से क्लाउड बेस्ड ट्रांजिशन पर काम चल रहा है। क्लाउड बेस्ड ऐप होने के बाद स्काइप में नए फीचर जैसे वीडियो कॉलिंग और स्काइप के लेटेस्ट वर्जन जैसे पहले से बेहतर अकाउंट सिक्योरिटी होगी। हालांकि, यह ट्रांजिशन अभी सभी प्लेटफॉर्म के लिए नहीं है। स्काइप ने पुष्टि की है कि अकिटूबर 2016 के बाद विंडोज फोन 8, विंडोज़ फोन 8.1 और विंडोज़ आरटी स्काइप सपोर्ट नहीं करेंगे। एंड्रॉयड यूज़र के लिए, स्काइप का सुझाव है कि यू़ज़र एंड्रयड 4.0 आइस क्रीमसेंडविच या इसके बाद के वर्जन पर स्विच करें ताकि उन्हें सभी नए फीचर मिल सकें।
एक
ब्लॉग पोस्ट में माइक्रोसॉफ्ट के कॉरपोरेट वाइस प्रेसिडेंट (स्काइप एंड स्काइप फॉर बिजनेस) गुरदीप पॉल ने कहा, ''कभी-कभी, अप्रत्याशित मुद्दे देखने को मिलते हैं जैसे कि डिवाइस पर मैसेज सिंक नहीं हो रहे या फिर नोटिफिकेशन मिलने में देरी हो रही है। यूज़र के लिए इन मुद्दों से होने परेशानी के जानने के चलते, हम इनको जितनी जल्दी हो सके सुलझाते हैं। हम अपने सभी यूज़र से स्काइप अपडेट करने को कहते हैं ताकि नए अपडेट से समस्या खत्म हो सके और क्लाउड पर ट्रांजिशन के लिए रास्ता आसान हो।''
स्काइप टीम ने अपने
सपोर्ट पेज पर लिखा, ''हमने पीर-टू-पीर बेस्ड आर्किटेक्चर से क्लाउड ट्रांजिशन शुरू कर दिया है। इससे यूज़र को लेटेस्ट स्काइप ऐप में नए इनोवेटिव फीचर जैसे वीडियो कॉलिंग, बेहतर अकाउंट सेटिंग जैसे फीचर मिलते हैं। इस परिणाम के तहत, अक्टूबर 2016 के बाद कुछ प्लेटफॉर्म पर स्काइप सपोर्ट नहीं करेगा लेकिन यूज़र सीधे ब्राउज़र में जाकर स्काइप फॉर वेब का इस्तेमाल कर सकेंगे।''
इससे पहले इसी महीने स्काइप ने साझा किए जाने वाली फाइल का अधिकतम साइज़ बढ़ाया था।