मैसेजिंग ऐप हाइक ने बुधवार को 'टोटल' नाम का प्रोडक्ट लॉन्च किया है, जिससे बिना इंटरनेट डेटा के आप मैच स्कोर देख पाएंगे और ख़बरें पढ़ पाएंगे। इतना ही नहीं, फोन रीचार्ज और इंटरनेट से जुड़ी कई अन्य सेवाओं का लाभ भी आप बिना डेटा एक्टिव किए उठा सकेंगे। हाइक टोटल अभी चुनिंदा एंड्रॉयड स्मार्टफोन का हिस्सा है और इसे इस्तेमाल करने के लिए कम से कम 1 रुपये का भुगतान करना होगा। कंपनी के संस्थापक और सीईओ कविन भारती मित्तल ने बताया, ''कंपनी का उद्देश्य टोटल के जरिए ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को ऑनलाइन लाना है।'' कंपनी का दावा है कि वह यूएसएसडी-आधारित तकनीक के जरिए बिना इंटरनेट डेटा ट्रांस्फर करने में फोन को सक्षम बनाएगी।
हाइक टोटल का इस्तेमाल 1 मार्च से इंटेक्स एक्वा लायंस एन1, एक्वा लायंस टी1, एक्वा टी1 लाइट और कार्बन ए40 इंडियन जैसे स्मार्टफोन पर किया जा सकेगा। इन स्मार्टफोन पर एयरटेल, एयरसेल और बीएसएनएल के उपभोक्ता बिना डेटा के इंटरनेट सेवाओं का लाभ ले पाएंगे। हाइक टोटल के यूजर अगर पीछे बताए गए स्मार्टफोन खरीदते हैं तो टोटल द्वारा दी जा रही सेवाओं पर खर्च करने के लिए उन्हें 200 रुपये की राशि भी मिलेगी। अगर आप इस फीचर को इस्तेमाल करने को लेकर उत्साहित हैं तो आपको हाइक टोटल की वेबसाइट पर जाकर साइन अप करना होगा।
यूज़र को हाइक टोटल की सारी सेवाओं का लाभ अपने फोन नंबर द्वारा किए गए लॉग इन से मिलेगा। हाइक टोटल में आप मेसेजिंग, खबरें, ज्योतिष, फोन रीचार्ज और मनी ट्रांस्फर जैसी सेवाओं का लाभ बिना डेटा ऑन किए ले पाएंगे। इतना ही नहीं, आप इसके जरिए हाइक वॉलेट से पैसे का लेन-देन, क्रिकेट स्कोर, रेलवे जानकारी भी ले सकेंगे, जिसके इस्तेमाल में आम तौर पर 100 केबी से 1 एमबी डेटा की खपत होती है। यूएसएसडी प्रोटोकॉल पर आधारित यह सेवा आपके मोबाइल ऑपरेटर का डेटा इस्तेमाल किए बिना आप तक पहुंचेगी।
मित्तल ने बताया, ''हाइक टोटल के यूजर 1 रुपये से शुरू हो रहे डेटा पैक्स खरीद सकेंगे। हमने इन डेटा पैक को लेकर टेलीकॉम कंपनियों से बात की है, जिससे हम लोगों को एक अलग तरह के अनुभव से जोड़ सकें। ये वाकई दमदार है।''
उन्होंने कहा, ''आप ये फोन खरीदिए, इसे ऑन कीजिए और शुरू हो जाइए। सबकुछ आपके हाथ में होगा और आपका डेटा भी खर्च नहीं होगा।'' कविन ने आगे कहा, ''हमारा उद्देश्य पूरे भारत को ऑनलाइन लाना है। ऑनलाइन मतलब डेटा और इसीलिए हमने इसे इतना सरल बना दिया कि यूजर इसे ऑपरेटिंग सिस्टम से ही मैनेज कर पाएंगे।''