फेसबुक ने गुरुवार को एक ब्लॉग पोस्ट के ज़रिए उन सारे विवादों पर विराम लगाने की कोशिश की जो कंपनी की नई 'नेम एज़ पर आधार' साइन प्रक्रिया के कारण खड़े हुए थे। बता दें कि कंपनी इस प्रक्रिया की भारत में टेस्टिंग कर रही थी। कंपनी ने साफ-साफ कहा है कि टेस्टिंग की प्रक्रिया का अंत हो गया है और इसके विस्तार की कोई योजना नहीं है। फेसबुक ने ज़ोर देकर कहा है कि साइन अप प्रक्रिया के दौरान आधार का इस्तेमाल सिर्फ पूरा नाम इस्तेमाल करने के सुझाव के तौर पर हो रहा था। कंपनी की ओर से कोई आधार वैरिफिकेशन नहीं करवाया जा रहा था।
इस सोशल नेटवर्किंग साइट ने गैजेट्स 360 के साथ पहले साझा की गई जानकारियों के अलावा टेस्टिंग के बारे में कुछ भी नया नहीं कहा है। फेसबुक के लेटेस्ट
ब्लॉग पोस्ट का मकसद मीडिया में आ रही उन खबरों पर विराम लगाना है जिसमें फेसबुक द्वारा आधार के ब्योरे पूछने की बात कही जा रही है। कंपनी ने साफ किया है कि उसकी साइन अप प्रक्रिया में आधार कहीं से भी इंटिग्रेटेड नहीं है। इसका इस्तेमाल नए यूज़र की पहचान स्थापित करने के लिए भी नहीं हो रहा था।
गैजेट्स 360 ने
पहले भी आपको बताया था कि यह सोशल मीडिया कंपनी यूज़र को आधार की तरह फेसबुक प्रोफाइल में भी पूरा नाम इस्तेमाल करने के लिए कह रही है। जब यूज़र नया अकाउंट बना रहे थे तो उस वक्त 'name as per Aadhaar' का सुझाव दिया जा रहा था। गैजेट्स 360 को दिए एक बयान में फेसबुक ने कहा था, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यूज़र उसी नाम का इस्तेमाल करें, जिनसे उन्हें पहचाना जाता है, ताकि दोस्तों और परिवार के सदस्यों से जुड़ना आसान रहे। अभी छोटे स्तर पर इसकी टेस्टिंग चल रही है। हम यूज़र को आधार कार्ड वाले ही नाम को इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह वैकल्पिक सुझाव है। आधार कार्ड वाले ही नाम को इस्तेमाल करना अनिवार्य बिल्कुल नहीं है।"
दरअसल, फेसबुक के इस कदम को फर्जी प्रोफाइल पर रोक-थाम लगाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि भारत में फेसबुक को करीब 24 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं। यूज़र की संख्या के हिसाब से भारत, अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।
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