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Cricket Betting Apps पर लगाते हैं पैसे? तो हो जाएं सावधान, सट्टे के लिए बनाए जा रहे हैं कस्टम ऐप्स

क्रिकेट सट्टेबाजी के कुछ खास ऐप्स का उपयोग यूजर्स को धोखा देने के लिए किया जा रहा है, जिनमें सट्टेबाज रिजल्ट में इस तरह हेराफेरी करते हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वे हमेशा जीतें।

Cricket Betting Apps पर लगाते हैं पैसे? तो हो जाएं सावधान,  सट्टे के लिए बनाए जा रहे हैं कस्टम ऐप्स
ख़ास बातें
  • सट्टेबाजी के कुछ खास ऐप्स का उपयोग धोखा देने के लिए किया जा रहा है
  • सट्टेबाज फर्जी ऐप डेवलप करने के लिए सॉफ्टवेयर कंपनियों को हायर कर रहे हैं
  • इसी तरह के केस में पुलिस 18 ऐसे गेमिंग ऐप्स को रडार पर ले चुकी है
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फैंटेसी ऐप्स के चलन के बाद भारत में बड़ी संख्या में लोगों ने स्पोर्ट्स पर मामूली पैसा लगाकर लाखों और करोंड़ों जीतने का सपना देखना तो शुरू कर दिया है, लेकिन दूसरी ओर एक बेटिंग की दुनिया भी है, जहां लोगों की महनत की कमाई को जमकर लूटा जा रहा है। इसके लिए सट्टा बुकी एडवांस होती टेक्नोलॉजी और खास डेवलप किए गए ऐप्स का सहारा ले रहे हैं, जो लोगों को मामूली रकम जिताते हैं, लेकिन दूसरी ओर बुकी की जेबें भरने का काम करते हैं। चलिए जानते हैं पूरा मामला।

TOI की एक खास रिपोर्ट बताती है कि क्रिकेट सट्टेबाजी के कुछ खास ऐप्स का उपयोग यूजर्स को धोखा देने के लिए किया जा रहा है, जिनमें सट्टेबाज रिजल्ट में इस तरह हेराफेरी करते हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वे हमेशा जीतें। रिपोर्ट बताती है कि धोखाधड़ी के करोड़ों रुपये के कारोबार को कंट्रोल करने के लिए सट्टेबाज फर्जी ऐप डेवलप करने के लिए सॉफ्टवेयर कंपनियों को हायर कर रहे हैं। 

पब्लिकेशन को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये ऐप्स एक तरफ यूजर्स को छोटी-छोटी रकम जिताते हैं जिता कर उन्हें ऐप्स से जोड़े रखते हैं, जबकि सट्टेबाज अधिकांश बड़े दांव जीतता है। इतना ही नहीं, इसमें कुशल से कुशल सट्टेबाज भी फंस जाते हैं, क्योंकि इन ऐप्स को सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट्स द्वारा डिजाइन किया जाता है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट्स इस तरह के प्रोग्राम को बनाने के लिए भारी रकम वसूलते हैं। इसके अलावा, ये एक्सपर्ट क्रिकेट सट्टेबाजों के लिए अस्थायी लिंक, यूजर आईडी और पासवर्ड भी बनाते हैं। जैसे-जैसे सट्टेबाज इन एक्सपर्ट को भुगतान करते हैं, इन क्रिडेंशियल्स को रीजनरेट किया जाता है।

रिपोर्ट आगे बताती है कि इन ऐप्स को पकड़ा जाना इसलिए मुश्किल होता है, क्योंकि इन्हें लगातार नए फीचर्स के साथ अपडेट किया जाता है।

यह भी बताया गया है कि पहले सामने आए इसी तरह के केस में पुलिस 18 ऐसे गेमिंग ऐप्स को रडार पर ले चुकी है, जो लोगों की महनत की कमाई को लूटने का काम करते हैं। मामले में सोंटू नाम के एक सट्टेबाज के आवास पर छापेमारी के बाद 17 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं। हालांकि सट्टेबाज फिलहाल दुबई में कहीं छिपा हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, सीपी अमितेश कुमार का कहना है कि सोंटू भी यूजर्स को धोखा देने के लिए एक फर्जी ऐप 'Diamondexchange@com' का इस्तेमाल कर रहा था। ऐप का स्वामित्व राजकोट कनेक्शन वाले दुबई स्थित रैकेटियर्स के पास था।
 
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नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी

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