• होम
  • ऐप्स
  • ख़बरें
  • Apple ने भारत में अपने दबदबे का गलत इस्‍तेमाल किया! कॉम्पिटिशन कमीशन करेगा जांच

Apple ने भारत में अपने दबदबे का गलत इस्‍तेमाल किया! कॉम्पिटिशन कमीशन करेगा जांच

आरोप है कि ऐपल मार्केट में अपनी पोजिशन का दुरुपयोग करती है। CCI के अनुसार, पहली नजर में यह प्रतिस्पर्धा मानकों का उल्लंघन है और संभावित ऐप डिस्‍ट्रीब्‍यूटर्स व ऐप स्टोर डेवलपर्स को मार्केट में पहुंच बनाने से रोकता है।

Apple ने भारत में अपने दबदबे का गलत इस्‍तेमाल किया! कॉम्पिटिशन कमीशन करेगा जांच

Photo Credit: Reuters

CCI का मानना है कि ऐपल भारत में ऐप स्टोर मार्केट में एकाधिकार रखती है।

ख़ास बातें
  • CCI के अनुसार, पहली नजर में यह प्रतिस्पर्धा मानकों का उल्लंघन है
  • यह ऐप स्टोर डेवलपर्स को मार्केट में पहुंच बनाने से रोकता है
  • CCI ने अपने डायरेक्‍टर जनरल (DG) द्वारा विस्तृत जांच का आदेश दिया है
विज्ञापन
दुनिया की बड़ी टेक कंपनी ऐपल (Apple) को झटका लगा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) यानी CCI ने ऐप स्‍टोर पर अनुचित बिजनेस प्रैक्टिस को लेकर Apple के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। आरोप है कि ऐपल मार्केट में अपनी पोजिशन का दुरुपयोग करती है। अपने 20 पेज के आदेश में CCI ने कहा है कि ऐपल का ऐप स्टोर, ऐप डेवलपर्स के लिए iOS यूजर्स को ऐप डिस्‍ट्रिब्‍यूट करने का इकलौता जरिया है। ऐप स्‍टोर हर आईफोन और आईपैड पर पहले से इंस्टॉल है। थर्ड पार्टी ऐप स्टोर को ऐपल के ऐप स्टोर पर लिस्‍ट करने की इजाजत नहीं है। ऐपल की ओर से लगाए गए ये बैन iOS के लिए ऐप स्टोर मार्केट को लगभग बंद कर देते हैं। 

CCI के अनुसार, पहली नजर में यह प्रतिस्पर्धा मानकों का उल्लंघन है और संभावित ऐप डिस्‍ट्रीब्‍यूटर्स व ऐप स्टोर डेवलपर्स को मार्केट में पहुंच बनाने से रोकता है। इन कारणों का हवाला देते हुए नियामक ने अपने डायरेक्‍टर जनरल (DG) द्वारा विस्तृत जांच का आदेश दिया है। 

Apple ने CCI की जांच पर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया। 

CCI ने कहा है कि यूजर्स तक पहुंचने के लिए ऐप डेवलपर्स, ऐपल के ऐप स्टोर पर निर्भर हैं और यूजर भी ऐप डाउनलोड करने के लिए ऐप स्टोर पर भी निर्भर हैं। CCI का मानना है कि ऐपल भारत में ऐप स्टोर मार्केट में एकाधिकार रखता है। ऐप डेवलपर्स उस पर निर्भर हैं, जिस वजह से उन्‍हें ऐपल के नॉन-नेगोशिएबल नियमों को मानना पड़ता है। 

Apple का यह दावा कि मार्केट में उसकी सिर्फ 0-5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, CCI ने कहा है कि Apple का दृष्टिकोण पूरी तरह गलत है। इसकी वजह यह है कि मौजूदा मामले में ऐपल की ओर से ऐप डेवलपर्स पर कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी बैन लगाए गए हैं। दूसरे शब्‍दों में कहें तो ऐपल ने अपनी ताकत का दुरुपयोग किया है। 

वहीं, ऐपल ने तर्क दिया है कि शिकायतकर्ता उन पार्टियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिनके साथ ग्‍लोबल लेवल पर कंपनी के विवाद चल रहे हैं। यह शिकायत NGO, Together We Fight Society ने दर्ज कराई थी। इस पूरे मामले में 60 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट दी जानी है। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Apple, app store, IOS, Case, Probe
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. OnePlus का 50MP कैमरा, 5500mAh बैटरी वाला फोन हुआ 16 हजार से भी सस्ता
  2. Infinix Smart 10 कल होगा भारत में लॉन्च, 5,000 mAh की बैटरी
  3. पाकिस्तान में एंट्री करेगी चाइनीज EV मेकर BYD, अगले वर्ष लॉन्च करेगी पहली इलेक्ट्रिक कार!
  4. Realme 15 5G, 15 Pro 5G भारत में लॉन्च; इनमें है 12GB तक रैम और 7000mAh बैटरी, जानें कीमत
  5. अमेरिकी टेक कंपनियों में भारतीयों की एंट्री बैन? ट्रंप के इस बयान ने सबको हिला डाला
  6. Samsung के Galaxy S26 Ultra में मिल सकती है 5,000mAh की बैटरी
  7. Google के Pixel 10 Pro Fold में मिल सकता है बड़ा डिस्प्ले, नए कलर ऑप्शंस
  8. ChatGPT ने बचाई मेरी मां की जान, जब डॉक्टर हुए फेल तो AI ने पहचाना बीमारी का कारण: X पर महिला का दावा
  9. Zelio Gracy+ फेसलिफ्ट लॉन्च: फुल चार्ज में 130 Km की रेंज, चलाने के लिए नहीं चाहिए लाइसेंस, जानें कीमत
  10. iQOO Z10 Turbo Pro+ में मिल सकती है 8,000mAh की पावरफुल बैटरी 
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »