आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple ने पिछले वर्ष डिवेलपर्स को लगभग 60 अरब डॉलर (लगभग 4,43,300 करोड़ रुपये) की पेमेंट दी है। कंपनी ने ऐप स्टोर के आंकड़ों में यह जानकारी दी है। इससे पिछले वर्षों की तुलना में यह रकम अधिक है। Apple ने स्मॉल डिवेलपर्स से ली जाने वाली कमीशन में कमी करने का फैसला किया था जिससे डिवेलपर्स को मिलने वाली रकम बढ़ी है।
कंपनी ने बताया है कि उसके कस्टमर्स ने ऐप स्टोर पर क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर तक अभी तक का सबसे अधिक खर्च किया है। हालांकि, कस्टमर्स की ओर से ऐप स्टोर पर किए गए कुल खर्च की जानकारी नहीं दी गई है। कंपनी ने
बताया है कि 2008 में ऐप स्टोर के लॉन्च के बाद से डिवेलपर्स की इससे आमदनी लगभग 260 अरब डॉलर (लगभग 19,21,486 करोड़ रुपये) की है। Apple की ओर से ऐप स्टोर पर सबसे अधिक डाउनलोड होने वाले ऐप्स और गेम्स की लिस्ट को अपडेट किया जाता है। कंपनी ने नवंबर 2020 में अपनी ऐप स्टोर कमीशन पॉलिसी में
बदलाव कर ऐप्स से सालाना 10 लाख डॉलर (लगभग 7.4 करोड़ रुपये) से कम की आमदनी हासिल करने वाले डिवेलपर्स से 15 प्रतिशत कमीशन लेना शुरू किया था। कंपनी ने यह भी बताया था कि अगर किसी डिवेलपर का बिजनेस इस रकम से अधिक होता है तो उससे वर्ष की बाकी अवधि में 30 प्रतिशत कमीशन लिया जाएगा।
Apple ने यह भी बताया है कि उसके प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स से 74.5 करोड़ सब्सक्रिप्शंस थे, जो Apple और डिवेलपर्स दोनों से जुड़े हैं। कंपनी ने कहा कि क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर तक ऐप स्टोर पर कस्टमर्स की ओर से खर्च डबल डिजिट में बढ़ा है।
कंपनी के आंकड़ों से डिवेलपर्स को मिली पेमेंट में काफी बढ़ोतरी होने का पता चल रहा है। हालांकि, यह नहीं कहा जा सकता कि इससे कितने डिवेलपर्स को फायदा हुआ है। ऐप स्टोर पर जाली ऐप्स को लेकर डिवेलपर्स विरोध जताते रहे हैं। इसके अलावा कंपनी की सख्त पॉलिसी को लेकर भी उनकी नाराजगी है। Apple का पिछले वर्ष Epic Games के साथ बड़ा कानूनी विवाद हुआ था। इन-ऐप परचेज को लेकर Apple ने Epic Games पर बैन लगा दिया था। मार्केट वैल्यूएशन के लिहाज से दुनिया की टॉप कंपनियों में शामिल Apple को इससे पहले कुछ देशों में कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।