ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने वालों के लिए Zomato की ओर से निराश करने वाली खबर है। प्लेटफॉर्म ने फूड डिलीवरी को महंगा कर दिया है। Swiggy ने हाल ही में अपनी प्लेटफॉर्म फीस लागू की थी। जिसके नक्शे कदम पर चलते हुए अब Zomato ने भी अपनी प्लेटफॉर्म फीस लागू कर दी है। यानि कि Zomato से ऑनलाइन फूड मंगवाना अब महंगा हो गया है। तो कितना प्लेटफॉर्म चार्ज लगाया है जोमाटो ने? और ग्राहक की जेब पर यह कैसे भारी पड़ेगा, आईए जानते हैं।
Zomato से ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना महंगा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है। मनी कंट्रोल की
रिपोर्ट की मानें तो
Swiggy के बाद प्लेटफॉर्म फीस लगाने वाली कंपनियों में अगला नाम Zomato का जुड़ गया है। फूड डिलीवरी कंपनी ने 2 रुपये का चार्ज लागू किया है। ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप जल्द ही एक अनिवार्य प्लेटफॉर्म फीस लागू करने जा रही है जो कि कार्ट वैल्यू से अलग होगी। यानि कि कार्ट वैल्यू से हटकर इस फीस का कस्टमर को भुगतान करना ही होगा। इससे पहले स्विगी ने भी 2 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस
लगाई थी। यह फीस इसके सभी ऑर्डर्स पर लागू की गई थी।
Zomato की जहां तक बात है तो कंपनी ने हाल ही में खुलासा किया था कि वित्तीय वर्ष 2024 के लिए पहली तिमाही में उसे लाभ प्राप्त हुआ है। कंपनी पहली बार मुनाफे में आई है। रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि जोमैटो ने प्लेटफॉर्म फीस को फिलहाल कुछ चुनिंदा यूजर्स के लिए ही लागू किया है। ग्रॉसरी उपलब्ध करवाने वाले प्लेटफॉर्म
ब्लिंकिट पर इसे लागू नहीं किया गया है। 2 रुपये की फीस इसके ग्रॉस ऑर्डर का 0.5% बनती है।
जून में खत्म हुई दूसरी तिमाही में जोमैटो को 17.6 करोड़ ऑर्डर मिले। ये ऑर्डर अगर डेली बेसिस पर देखें जाए तो प्रतिदिन कंपनी को 20 लाख ऑर्डर के करीब प्राप्त होते हैं। इस हिसाब से प्लेटफॉर्म फीस के रूप में 2 रुपये का चार्ज लगाकर कंपनी प्रतिदिन 40 लाख रुपये कमा सकती है। प्रति महीना के हिसाब से देखें तो 2 रुपये की मामूली प्लेटफॉर्म फीस लगाकर कंपनी प्रतिमाह 12 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी कर सकती है। हालांकि, अभी इस बारे में जोमैटो की ओर से अधिकारिक तौर पर इसके डिटेल्स जारी नहीं किए गए हैं।