2019 में लॉन्च हुआ Spot रोबोट डॉग पहले इंडस्ट्रियल साइट्स पर इस्तेमाल होता था, लेकिन अब यह तेजी से पुलिस और बम स्क्वाड में शामिल हो रहा है। इसकी बढ़ती क्षमता ने उत्साह और चिंता दोनों बढ़ा दी हैं।
Photo Credit: Boston Dynamics
Boston Dynamics ने Spot नाम के रोबोट डॉग को पहली बार 2019 में लॉन्च किया था और उस समय इसे पूरी तरह इंडस्ट्रियल इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया था। इसका काम था फैक्ट्री निरीक्षण, पाइपलाइन मॉनिटरिंग, खतरनाक जगहों पर डॉक्यूमेंटेशन और ऐसे लोकेशन में भेजना जहां इंसान को भेजना जोखिम भरा हो। लेकिन पिछले कुछ सालों में Spot का रोल बड़े पैमाने पर बदल गया है। अब यह रोबोट AI रोबोट डॉग सिर्फ इंडस्ट्रियल साइट पर नहीं, बल्कि शहरों की सड़कों और पुलिस डिपार्टमेंट के बॉम्ब स्क्वाड यूनिट्स में भी दिखाई देने लगा है।
ब्लूमबर्ग में कंज्यूमर टेक रिपोर्टर समांथा मर्फी कैली का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में Spot को दुनिया भर में लगभग 60 से ज्यादा बम स्क्वाड्स में डिप्लॉय किया जा चुका है। यह बदलाव जितना टेक-एडवांस्ड लगता है, उतना ही डर भी पैदा करता है, क्योंकि सवाल उठता है कि क्या AI और रोबोट सिस्टम अभी इतने परिपक्व हो चुके हैं कि इन पर विस्फोटक जैसी खतरनाक स्थितियों में भरोसा किया जाए? रोबोटिक्स का यह तेज फैलाव उत्साहित भी करता है और कई लोगों को आशंकित भी। चलिए आपको चार पैरों वाले इस रोबोट के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Spot एक चार-पैर वाला रोबोट डॉग है, जिसे Boston Dynamics ने ऊबड़-खाबड़ सतहों, तंग जगहों और हाई-रिस्क एरिया में काम करने के लिए बनाया है। इसका डिजाइन ऐसा है कि यह बिल्कुल कुत्ते की तरह चलता, मुड़ता, उछलता और सीढ़ियां भी चढ़ सकता है। पारंपरिक पहिए वाले रोबोट जहां रुक जाते हैं, Spot वहां आराम से आगे बढ़ जाता है।
Spot में 360-डिग्री विजन के लिए कई कैमरे लगे होते हैं। इसे LIDAR सेंसर, थर्मल कैमरा और गहराई मापने वाले सेंसर से मॉडिफाई भी किया जा सकता है। इसका AI सिस्टम रियल-टाइम में इलाके का मैप बनाता है, बाधाओं को पहचानता है और खुद रास्ता निकाल लेता है।
यह रोबोट डॉग 14 किलोग्राम तक पेलोड उठा सकता है, जिसमें कैमरे, रोबोटिक आर्म या बम-डिस्पोजल टूल शामिल हो सकते हैं। बैटरी पर यह एक बार में लगभग 90 मिनट तक चलने का दावा करता है और बेहद ऊबड़-खाबड़ इलाके में भी संतुलन नहीं खोता।
Spot की बेस कीमत लगभग 1 लाख डॉलर (लगभग 88.5 लाख रुपये) है, जो कॉन्फिगरेशन के अनुसार बदलत सकती है। यदि इसमें LIDAR, रोबोटिक आर्म या बम-डिस्पोजल टूल जोड़ा जाए, तो इसकी लागत लगभग 20-30% तक भी बढ़ सकती है।
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