ये ऐप्स अपना नाम और आइकन बदल देते हैं, जिससे यूजर को इस बात की भनक तक नहीं पड़ती कि उसके स्मार्टफोन पर एक ऐसा ऐप है, जो उसकी निजी जानकारी चुरा सकता है।
Kaspersky का कहना है कि Android के लिए Pegasus जीरो-डे कमजोरियों पर निर्भर नहीं करता है। इसके बजाय, यह Framaroot नाम के एक प्रसिद्ध रूटिंग विधि का इस्तेमाल करता है।
मोबाइल वेरिफिकेशन टूलकिट (MVT) के नाम से विकसित किया गया यह टूल यूज़र को यह पहचानने में सहायता करता है कि उसके फोन पर Pegasus स्पाइवेयर ने कब्ज़ा किया हुआ है या नहीं।