एक अधिक प्रभावशाली अल-नीनो इवेंट के कारण इसकी बर्फ के पिघलने की रफ्तार में एकदम से तेजी आ गई थी। उसके बाद से ग्लेशियर का पिघलना जारी है, और जो बर्फ पिघल चुकी है उसकी भरपाई नहीं हो पा रही है।
इसे सोलर रेडिएशन मॉडिफिकेशन (SRM) भी कहा जाता है। सोलर जियोइंजीनियरिंग सुनने में जितना सरल और कारगर लग रहा है, इसके साथ उतने ही जोखिम भी जुड़े बताए गए हैं।
स्टडी के अनुसार, बड़े पैमाने पर प्रजातियों के विलुप्त होने के बजाए ग्लोबल वार्मिंग यानी जलवायु परिवर्तन, सरीसृप आबादी और डायवर्सिर्टी की बढ़ोतरी की वजह बना।