Earth Sciences

Earth Sciences - ख़बरें

  • HD 20794 d की खोज: पृथ्वी के समान इस ग्रह में भी मौजूद हो सकता है जीवन! कैसे वैज्ञानिकों ने किया कंफर्म? यहां जानें
    Astronomy & Astrophysics में पब्लिश की गई एक स्टडी बताती है कि वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी के पास स्थित HD 20794 d नाम के एक एक्सोप्लैनेट की पुष्टि की गई है। इस ग्रह पर पहली बार 2022 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डॉ. माइकल क्रेटिनियर ने चिली में HARPS स्पेक्ट्रोग्राफ के डेटा का उपयोग करके संदेह जताया था। इस उपकरण ने ग्रह के मेजबान तारे से लाइट में छोटे बदलावों का पता लगाया, जिससे पता चला कि कुछ है, जो इसकी परिक्रमा कर रहा था।
  • 1 लाख 65 हजार किलोमीटर दूर धरती के मैग्नेटिक टेल में मिली रहस्यमयी 'कोरस वेव्स', भयानक पक्षी की आवाज जैसी सुनाई देती हैं!
    एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने हाल ही में पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की टेल में लगभग 165,000 किमी दूर एक कोरस तरंग का पता लगाया है। यह पहले के अंदाजे से कहीं अधिक दूर है। अब तक, ये तरंगें पृथ्वी के केवल 51,000 किलोमीटर के भीतर ही देखी गई थीं, जहां मैग्नेटिक फील्ड अधिक संरचित है। रिसर्चर्स का मानना ​​था कि टेल में फैला हुई मैग्नेटिक फील्ड ऐसी तरंगों को बनने की अनुमति नहीं देगा, लेकिन यह नई खोज इसके परे कुछ अलग ही साबित करती है।
  • 8 साल बाद पृथ्वी पर गिरने वाली है फुटबॉल मैदान जितनी बड़ी चट्टान?
    पृथ्वी पर एक एस्टरॉयड के टकराने से बेहद विनाशकारी मंजर फैल सकता है जिसे लेकर अंतरिक्ष वैज्ञानिक चेता रहे हैं। फुटबॉल के मैदान के आकार का यह एस्टरॉयड धरती से टकराने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह लगभग 8 साल बाद धरती से टकराने की स्थिति में पहुंच सकता है। इसके धरती से टकराने की संभावना 1% से ज्यादा बताई गई है। इसका नाम एस्टरॉयड 2024 YR4 है। 
  • पृथ्‍वी 24 घंटे में कैसे घूमती है? लद्दाख में भारतीय वैज्ञानिक ने शूट किया Video, देखें
    एक भारतीय खगोलशास्त्री दोर्जे अंगचुक (Dorje Angchuk) ने बेहतरीन टाइम-लैप्स वीडियो बनाया है। इसे लद्दाख में शूट किया गया है। वीडियो में वहां की एक साइंस लेबोरेटरी के सामने पृथ्‍वी को घूमते हुए दिखाया गया है। वीडियो अपने आप में यूनीक है और हमारे ग्रह की गति को लेकर अनूठा दृश्‍य पेश करता है। दोर्जे अंगचुक लद्दाख के हानले में स्थित ऑब्‍जर्वेट्री के इंजीनियर इन-चार्ज हैं।
  • 2032 में धरती से टकराएगा 300 फीट बड़ा एस्टरॉयड! NASA के वैज्ञानिकों ने चेताया
    NASA के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने एक खतरनाक एस्टरॉयड का पता लगाया है। इसका नाम एस्टरॉयड 2024 YR4 है। यह एस्टरॉयड 2032 में धरती से टकरा सकता है। इसके टकराने की संभावना है 83 में से 1 की बताई गई है जो कि चिंताजनक बात है। यह एस्टरॉयड साइज में 130 फीट से लेकर 300 फीट तक बड़ा हो सकता है। अगर यह धरती से टकराता है तो यहां बड़ी तबाही ला सकता है।
  • पृथ्‍वी से 1.5 लाख किलोमीटर दूर से आई चिड़‍ियों के ‘चहचहाने’ जैसी आवाज! जानें पूरा मामला
    वैज्ञानिक वर्षों से ऐसी चहकती (chirping) तरंगों के बारे में जानते हैं, जो खतरनाक रेडिएशन से जुड़ी हैं। ये तरंगें इंसानों और सैटेलाइट्स दोनों को प्रभावित कर सकती हैं। अब खगोलविदों की एक इंटरनेशनल टीम ने अंतरिक्ष के एक नए क्षेत्र में इन तरंगों का पता लगाया है। इससे सवाल पैदा हुआ है कि आखिर इन तरंगों की उत्‍पत्‍त‍ि कहां से होती है। ये तरंगें अंतरिक्ष में मौजूद सबसे पावरफुल नेचुरल इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक रेडिएशन में से एक हैं।
  • क्‍या हमारी दुनिया से पहले भी पृथ्‍वी पर कोई दुनिया थी जो डूब गई? वैज्ञानिकों को मिला सबूत
    जियोफ‍िजिसिस्‍ट की एक टीम ने पृथ्वी के आंतरिक भाग को लेकर नई जानकारी जुटाई है। वैज्ञानिकों ने अंतरिक भाग की ट्रेडिशनल प्‍लेट बाउंड्री से दूर डूबी हुई टेक्टोनिक प्लेटों के अवशेषों का पता लगाया है। यह रिसर्च ETH ज्यूरिख और कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी की एक टीम ने की है। उन्‍होंने पृथ्‍वी के नीचे ऐसे टेक्टोनिक प्लेटों जैसे क्षेत्र का पता लगाया है, जो महासागरों के नीचे हैं।
  • माउंट एवरेस्ट नहीं, ये हैं दुनिया के सबसे बड़े पहाड़! 1000 Km है ऊंचाई
    अभी तक हम सभी जानते हैं कि माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची पहाड़ी चोटी है। लेकिन दुनिया के सबसे बड़े पहाड़ माउंट एवरेस्ट से भी 100 गुना ऊंचे हैं। जर्नल Nature में प्रकाशित शोध के अनुसार, धरती की सतह के नीचे 1000 किलोमीटर बड़े पहाड़ मौजूद हैं। ये पहाड़ लगभग आधा अरब वर्ष पुराने हैं। हालांकि अभी इनके बारे में कई बातें साफतौर पता नहीं चल पाई हैं।
  • पृथ्‍वी का ‘चुंबकीय उत्तरी ध्रुव’ खिसक रहा, कनाडा से पहुंच गया रूस! जानें पूरा मामला
    ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि पृथ्‍वी का चुंबकीय उत्तरी ध्रुव (magnetic north pole) तेजी के साथ रूस की तरफ खिसक रहा है। पांच साल पहले यह जहां था, वहां से अब साइबेरिया के करीब पहुंच गया है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञ कई सदियों से पृथ्‍वी के चुंबकीय उत्तरी ध्रुव को ट्रैक कर रहे हैं। इसे वर्ल्‍ड मैग्‍नेटिक मॉडल का इस्‍तेमाल करके ट्रैक किया जाता है।
  • 83 हजार Km की स्‍पीड से एयरोप्‍लेन जितना बड़ा एस्‍टरॉयड आ रहा पृथ्‍वी के करीब, क्‍या होगा?
    एक बार फ‍िर से एयरोप्‍लेन जितना बड़ा एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। इसका नाम है- 2025 AY2। नाम से पता चल जाता है कि एस्‍टरॉयड को इसी साल खोजा गया है। नासा के अनुसार, यह 220 फीट बड़ा है और 83 हजार 788 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि आज यह धरती के करीब से गुजरेगा। तब दोनों के बीच दूरी 67 लाख 90 हजार किलोमीटर रह जाएगी।
  • 12.9 अरब प्रकाश-वर्ष दूर से इस ब्लैक होल का पृथ्वी पर निशाना!
    एक सुपरमैसिव ब्लैक होल J0410-0139 पर वैज्ञानिकों की नजरें गड़ी हैं जो धरती से 12.9 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह ब्लैक होल इसलिए वैज्ञानिकों को आकर्षित कर रहा है क्योंकि इसमें से ऊर्जा की एक शक्तिशाली किरण निकल रही है जिसका निशाना पृथ्वी की ओर है। इस ब्लैक होल से ऊर्जा की यह किरण बिग बैंग (Big Bang) के लगभग 10 करोड़ वर्ष बाद हम तक पहुंची है।
  • बाल-बाल बची धरती! एयरोप्‍लेन जितना बड़ा एस्‍टरॉयड पास से गुजरा, जानें इसके बारे में
    क्र‍िसमस से एक दिन पहले पृथ्‍वी का सामना एयरोप्‍लेन जितने बड़े एस्‍टरॉयड के साथ हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार, 2024 XN1 नाम का एस्‍टरॉयड मंगलवार सुबह धरती के करीब से 14,743mph की रफ्तार से गुजरा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) पहले ही बता चुकी थी कि क्र‍िसमस से एक दिन पहले यह पृथ्‍वी के करीब आएगा और इसके धरती से टकराने का चांस नहीं है।
  • अंतरिक्ष से पानी में लैंड करेंगे भारतीय एस्‍ट्रोनॉट तो क्‍या होगा? इसरो ने की टेस्टिंग, देखें फोटोज
    भारत अपने गगनयान मिशन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। बीते सप्‍ताह एक नकली गगनयान क्रू मॉड्यूल को पानी में डालकर उसे उठाया गया। यह एक प्रकार की एक्‍सरसाइज थी यह देखने के लिए कि जब एस्‍ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष से पानी में लैंड करेंगे, तब किस प्रकार की तैयारियां चाहिए होंगी। इसरो ने इंडियन नेवी के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के तट पर बंगाल की खाड़ी में यह एक्‍सरसाइज की।
  • धरती के सबसे करीब होगा सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह!
    अगर आप बृहस्पति ग्रह को आसमान में अपनी आंखों से देखना चाहते हैं तो 7 दिसंबर को यह मौका आने वाला है जब सूर्य पृथ्वी और बृहस्पति एक ही लाइन में मौजूद होंगे। इससे बृहस्पति ग्रह आसमान में आसनी से पहचाना जा सकेगा। यह एक दुर्लभ स्थिति होगी जब सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह को देखा जा सकेगा।
  • धरती से तेज चंद्रमा पर घूमता है समय का पहिया, नई स्टडी में हुआ खुलासा
    इसका कारण चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण की शक्ति धरती से कमजोर होना है। चंद्रमा पर घड़ी की चाल धरती की तुलना में लगभग 56 माइक्रोसेकेंड्स प्रति अर्थ डे या 0.00056 सेकेंड्स तेज होती है। Astronomical Journal में प्रकाशित यह स्टडी Albert Einstein की जनरल रिलेटिविटी थ्योरी पर आधारित है। जनरल रिलेटिविटी की थ्योरी में बताया गया है कि एक सामान्य घड़ी की दर पर उसके स्थान और उससे जुड़ी गति पर गुरुत्वाकर्षण की क्षमता का असर होता है।

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