नॉर्वे की दूरसंचार कंपनी टेलीनॉर को अपने भारतीय परिचालन में 310 करोड़ क्रोन या 2,530 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है और उसने बुधवार को भारतीय बाजार से हटने का संकेत दिया। कंपनी के इस तरह के कदम का असर देश में उसके लगभग 6000 कर्मचारियों पर पड़ेगा।
नॉर्वे में वित्तीय परिणामों की घोषणा करते हुए टेलीनॉर ने संकेत दिया है कि यदि वह आगे उचित कीमत पर स्पेक्ट्रम हासिल करने में विफल रही तो उसे भारत से निकलना पड़ सकता है।
हालांकि, इसके साथ टेलीनॉर भारत में अपनी 4जी की पहुंच का विस्तार करना चाहती है। कंपनी ने कहा कि वह इस द्रुत गति के मोबाइल खंड के लिए सबसे कम दरों की पेशकश करेगी। कंपनी ने कहा कि वह अपने ब्रांड अभियान सबसे सस्ता के तहत सबसे सस्ती सेवा प्रदान करेगी।
कंपनी के वित्तीय नतीजों की नॉर्वे में घोषणा करते हुए टेलीनॉर के वैश्विक मुख्य कार्यकारी सिग्वे ब्रेके ने कहा कि भारत में लंबे समय तक टिकना इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अतिरिक्त स्पेक्ट्रम हासिल कर पाते हैं या नहीं। हम बढ़ते डेटा बाजार में मौजूदा स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कंपनी ऐसा हल चाहती है जिससे वह उचित मूल्य पर स्पेक्ट्रम हासिल कर सके।
टेलीनॉर भारत देश में 22 में से छह सर्किलों में सीडीएमए आधारित सेवाएं देती है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 700 मेगाहर्ट्ज़ बैंड में 11,485 करोड़ रुपये आधार मूल्य की सिफारिश की है जो किसी भी स्पेक्ट्रम बैंड में आज तक का सबसे उंचा आधार मूल्य है।
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