पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल पर स्पैम और फ्रॉड से जुड़ी कॉल्स की समस्या बढ़ी है। इस समस्या से निपटने के टेलीकॉम कंपनियों की इनकमिंग कॉल्स के लिए कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) फीचर पेश करने की तैयारी है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को इस फीचर के इंटर-ऑपरेटर ट्रायल को शुक्रवार तक पूरा करने का निर्देश दिया है।
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस फीचर के लिए आधुनिक नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी। इस वजह से यह फीचर केवल 4G और 5G स्मार्टफोन्स पर ही उपलब्ध होगा। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी
Reliance Jio इसके लिए अपनी CNAP टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगी। Bharti Airtel ने अपने सब्सक्राइबर्स को CNAP फीचर उपलब्ध कराने के लिए Nokia से टाई-अप किया है। इस फीचर के शुरू होने के बाद टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स को Truecaller जैसे थर्ड-पार्टी कॉलर आइडेंटिफिकेशन ऐप्स की कम जरूरत होगी।
CNAP में कॉलर को टेलीकॉम कंपनी के डेटाबेस में मौजूद सब्सक्राइबर के नाम के साथ दिखाया जाएगा। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि सब्सक्राइबर्स के लिए इस फीचर को कब लॉन्च किया जाएगा। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के नए रूल्स के तहत, स्पैम को रोकने में नाकाम रहने पर
टेलीकॉम कंपनियों पर पेनल्टी लगाई जाएगी। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि इन रूल्स से कुछ आशंकाओं का समाधान नहीं होगा। हाल ही में प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा था, "इस समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए एक विस्तृत नजरिए की जरूरत है।" टेलीकॉम कंपनियों पर पेनल्टी लगाना कोई समाधान नहीं है। इससे अवांछित कमर्शियल कम्युनिकेशंस को रोकने के प्रमुख मुद्दे का समाधान नहीं होगा। अगर ऐसी पेनल्टी लगाने की जरूरत है तो वह टेलीकॉम कंपनियों पर नहीं ब्लकि स्पैम कॉल्स और मैसेज करने वालों पर लगनी चाहिए।
TRAI के नए रूल्स के तहत, स्पैम कॉल्स और मैसेज की गलत रिपोर्ट देने वाली टेलीकॉम कंपनियों पर पेनल्टी लगाई जाएगी। इसके साथ ही TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों के लिए कॉल्स की बहुत अधिक संख्या, कॉल की कम अवधि और इनकमिंग से आउटगोइंग कॉल्स की कम रेशो जैसे मापदंडों के आधार पर कॉल और SMS का एनालिसिस करना भी अनिवार्य किया है। इससे स्पैमर्स की जल्द पहचान की जा सकेगी। टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR) में संशोधन कर ग्रेडेड पेनल्टी का प्रावधान लागू किया गया था।