टेलीकॉम कंपनियों की बढ़ी मुश्किल, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बकाया रकम पर नहीं दी राहत

इन कंपनियों ने अंतिम विकल्प के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के तीन वर्ष पहले के एक समान फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 20 सितंबर 2024 14:35 IST
ख़ास बातें
  • टेलीकॉम कंपनियों की AGR की बकाया रकम का दोबारा कैलकुलेशन नहीं होगा
  • इससे इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ सकता है
  • सरकार की दलील थी कि AGR में नॉन-कोर रेवेन्यू को भी शामिल किया जाना चाहिए

भारती एयरटेल की मजबूत वित्तीय स्थिति के कारण इस फैसले का उस पर बड़ा असर नहीं होगा

देश के टेलीकॉम सेक्टर में पिछले कुछ वर्षों में बड़े बदलाव हुए हैं। बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने वित्तीय मुश्किलों से उबरकर ग्रोथ हासिल की है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार के एक फैसले से इस सेक्टर को एक बड़ा झटका लगा है। टेलीकॉम कंपनियों के केंद्र सरकार की  बकाया रकम के दोबारा कैलकुलेशन के निवेदन को सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है। 

रेटिंग एजेंसी ICRA के एनालिस्ट्स का अनुमान है कि Bharti Airtel और Vodafone Idea को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की बकाया रकम के तौर पर सरकार को लगभग एक लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना है। इसमें स्पेक्ट्रम चार्जेज और लाइसेंसिंग फीस शामिल है। हालांकि, अन्य टेलीकॉम कंपनियों की बकाया रकम का पता नहीं चला है। 

इन कंपनियों ने अंतिम विकल्प के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के तीन वर्ष पहले के एक समान फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। इनकी दलील थी कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने AGR की कथित बकाया रकम के कैलकुलेशन में गल्तियां की थी। इन कंपनियों का कहना है कि उनकी कोर सर्विसेज से मिलने वाले रेवेन्यू को ही बकाया रकम के कैलकुलेशन में गिना जाना चाहिए, जबकि सरकार की दलील थी कि AGR में नॉन-कोर रेवेन्यू को भी शामिल किया जाना चाहिए। इसमें किराए या जमीन की बिक्री से मिलने वाली रकम भी है। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के एक फैसले में AGR के कैलकुलेशन की सरकार की परिभाषा को सही ठहराया था। 

IIFL Securities के रिसर्च एनालिस्ट, Balaji Subramanian ने बताया, "इस मामले में टेलीकॉम कंपनियों के पक्ष में फैसला आने से Vodafone Idea का कर्ज लगभग 35 अरब रुपये घट सकता था। इससे  Vodafone Idea के लिए डेट की फंडिंग मुश्किल हो जाएगी क्योंकि कैश फ्लो कम होने के कारण बैंक उसे फंड देने में हिचकेंगे।" AGR के दोबारा कैलकुलेशन के निवेदन को सुप्रीम कोर्ट के अस्वीकार करने से Vodafone Idea को बड़ा झटका लगा है, जिसे सरकार को स्पेक्ट्रम चार्जेज और लाइसेंस फीस के तौर पर लगभग 700 अरब रुपये का भुगतान करना है। Vodafone Idea में केंद्र सरकार 23.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरहोल्डर भी है। एनालिस्ट्स का मानना है कि भारती एयरटेल की मजबूत वित्तीय स्थिति के कारण इस फैसले का उस पर बड़ा असर नहीं होगा। इस बारे में भारती एयरटेल और Vodafone Idea ने टिप्पणी के लिए भेजे गए निवेदन का उत्तर नहीं दिया। 


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
#ताज़ा ख़बरें
  1. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  2. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  3. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  4. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  5. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  6. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  7. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  8. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  9. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  10. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.