Mobile Number Port New Rules : मोबाइल नंबर पोर्ट कराने से जुड़ा नियम आज से बदल गया है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मार्च में नया नियम जारी किया था, जो आज यानी 1 जुलाई से लागू हो गया है। अब
सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट में लगने वाला समय घटकर 10 से 7 दिनों का हो जाएगा, लेकिन इस दौरान एक लॉकिंग पीरियड होगा और 7 दिनों से पहले नया सिम एक्टिवेट नहीं किया जाएगा। इस नियम का मकसद सिम कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकना है। मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को लेकर यह ट्राई का नौंवा संशोधन है, जिसमें नंबर पोर्ट कराने वाले व्यक्ति का वेरिफिकेशन काफी अहमियत रखता है।
दरअसल, ट्राई ने यूजर्स की सेफ्टी और उनसे जुड़ी इन्फर्मेशन को सेफ रखने के लिए यह नियम जारी किया है। मकसद है मोबाइल नंबर से की जा रही धोखाधड़ी को रोकना। इसके तहत प्रक्रिया में लगने वाला टाइम भले 10 से 7 दिन हो गया हो, लेकिन पूरा प्रोसेस काफी सख्त हो गया है।
मोबाइल सिम खोने, चोरी हो जाने या एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में स्विच करने के लिए पहले लोग आसानी से नंबर पोर्ट करा लेते थे, लेकिन अब उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होगा। जिस टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर का सिम आप पाना चाहते हैं, उसे एक ऐप्लिकेशन देनी होगी। इसके बाद कुछ वक्त इंतजार करना होगा क्योंकि यूजर्स की पहचान और बाकी जानकारियों को वेरिफाई किया जाएगा।
इसमें ओटीपी का रोल बढ़ जाएगा। पोर्टिंग की प्रक्रिया के दौरान ओटीपी का इस्तेमाल करके ही प्रोसेस पूरा किया जाएगा। ट्राई का कहना है कि अगर ‘सिम स्वैप' की तारीख से सात दिन खत्म होने से पहले यूपीसी (विशिष्ट पोर्टिंग कोड) की रिक्वेस्ट भेजी जाती है, तो यूपीसी नहीं दिया जाएगा। यानी यह भी हो सकता है कि आप सिम पोर्ट कराना चाहते हैं और आपकी रिक्वेस्ट स्वीकार ना की जाए।