दूरसंचार सेवा कंपनियों ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से अनुरोध किया है कि कॉल ड्रॉप मुआवजा आदेश वह सोमवार से लागू न करे, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय 10 मार्च को इस मामले की सुनवाई करने वाला है।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) और एसोसिएशन ऑफ यूनीफाइड टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (एयूएसपीआई) ने ट्राई को सोमवार को भेजे गए अपने एक संयुक्त पत्र में कहा, "कृपया इस बात पर गौर करें कि सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की आखिरी सुनवाई 10 मार्च को की जानी सुनिश्चित की है।"
पत्र में कहा गया है, "इसे देखते हुए और चूंकि मामला अदालत में विचाराधीन है, हमारा अनुरोध है कि दो मार्च 2016 के पत्र को अभी लागू न किया जाए।"
ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को कॉल ड्रॉप मुआवजा पर अनुपालन रिपोर्ट जमा करने के लिए सात मार्च तक की मोहलत दी थी।
ट्राई के फैसले को चुनौती देने वाली कंपनियों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने चार मार्च को कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था और मामले की सुनवाई 10 मार्च को करने का फैसला किया था।
ट्राई ने 16 अक्टूबर 2015 के फैसले में एक जनवरी 2016 से कॉल ड्रॉप के लिए ग्राहकों को मुआवजा दिया जाना अनिवार्य कर दिया था। सीओएआई और एयूएसपीआई ने इसके विरुद्ध अदालत में याचिका दाखिल की है।