इस महीने की शुरुआत में लॉन्च की गई 5G पूरी तरह स्वदेशी है। फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी को कहीं से इम्पोर्ट नहीं किया गया और यह देश का प्रोडक्ट है। उनका कहना था कि अन्य देशों को भारत 5G टेक्नोलॉजी उपलब्ध करा सकता है।
Sitharaman ने अमेरिका में एक यूनिवर्सिटी के इवेंट में
कहा, "यह जानकारी लोगों तक नहीं पहुंची है कि हमने देश में जिस 5G टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया है वह पूरी तरह स्वदेशी है। इसके कुछ महत्वपूर्ण पार्ट्स दक्षिण कोरिया जैसे देशों से आ सकते हैं। इस टेक्नोलॉजी को कहीं से इम्पोर्ट नहीं किया गया है।" उन्होंने बताया कि इस डिवेलप करने वाली प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि 2024 तक यह देश के अधिकतर हिस्से में पहुंच जाएगी। इस टेक्नोलॉजी को लेकर देश की उपलब्धि पर गर्व किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5G सर्विसेज को लॉन्च करते हुए कहा था, "देश के लोगों को 5G के तौर पर टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से एक शानदार उपहार मिल रहा है। यह देश में एक नए दौर की शुरुआत है।"
Bharti Airtel 5G सर्विसेज को शुरू करने वाली पहली टेलीकॉम कंपनी है। Bharti Airtel की ये सर्विसेज दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और वाराणसी सहित आठ शहरों में उपलब्ध हैं। कंपनी की अगले वर्ष मार्च तक कई शहरों में 5G सर्विसेज शुरू करने की योजना है। इस सर्विस का Reliance Jio ने चार शहरों में बीटा ट्रायल शुरू कर दिया है। इन शहरों में दिल्ली के अलावा मुंबई, कोलकाता और वाराणसी शामिल हैं। इसमें यूजर्स को 1Gbps से अधिक की डाउनलोड स्पीड मिल रही है। कंपनी ने बताया कि ट्रायल के दौरान 5G सर्विसेज केवल निमंत्रण के आधार पर उपलब्ध होंगी। यूजर्स को रिलायंस जियो के SIM को बदलने की जरूरत नहीं होगी।
कंपनी सभी हैंडसेट ब्रांड्स के साथ उनके 5G हैंडसेट्स को रिलायंस जियो की इन सर्विसेज के लिए सक्षम बनाने पर काम कर रही है। हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज की 45वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में
कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने देश भर में 5G नेटवर्क पर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का खर्च करने की घोषणा की थी। हाल ही में हुई स्पेक्ट्रम की नीलामी में रिलायंस जियो ने लगभग 11 अरब डॉलर का स्पेक्ट्रम हासिल किया था। यह इस नीलामी में सबसे अधिक खर्च करने वाली कंपनी थी।