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क्‍या एक दिन पृथ्‍वी को ‘निगल’ जाएगा सूर्य? भविष्‍य को लेकर नए अनुमान लगा रही यह स्‍टडी

शोध में पता चला है कि सूर्य के अपने ग्रहों को निगलने पर उसकी चमक और बढ़ सकती है।

क्‍या एक दिन पृथ्‍वी को ‘निगल’ जाएगा सूर्य? भविष्‍य को लेकर नए अनुमान लगा रही यह स्‍टडी

रिसर्चर्स ने जिस सिमुलेशन का इस्‍तेमाल किया, उससे किसी नतीजे पर सटीकतौर पर पहुंचना मुमकिन नहीं है, लेकिन एक झलक जरूर मिलती है।

ख़ास बातें
  • सूर्य जिस परिस्थिति से गुजरेगा, उसमें अभी करीब 5 अरब साल बाकी हैं
  • रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में पब्लिश होने गई स्‍टडी ने कई बातें कही हैं
  • आंकड़े बताते हैं कि सूर्य अपने मध्‍य युग में पहुंच गया है
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सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे प्रमुख सदस्‍य है। सारे ग्रह इसी के चारों ओर घूमते हैं। इसी की वजह से पृथ्‍वी पर जीवन की मौजूदगी है। लेकिन कब तक? तमाम शोध इस सवाल को तलाशते रहते हैं। लगभग हर रिसर्च एक बात पर सहमत होती है कि एक दिन सूर्य का कोर हाइड्रोजन से आजाद हो जाएगा। जब ऐसा होगा, तब सूर्य लाल रंग के गोले में बदल जाएगा और अपने आसपास के ग्रहों को प्रभावित करना शुरू कर देगा। बुध और शुक्र ग्रह सबसे पहले इसकी चपेट में आएंगे। लेकिन क्‍या होगा पृथ्‍वी का? क्‍या हमारे ग्रह पर जीवन मुमकिन रह पाएगा? क्‍या पृथ्‍वी भी सूर्य की चपेट में आएगी। नई स्‍टडी में ऐसे ही सवालों से पर्दा हटाने की कोशिश की गई है। 

खबर पर आगे बढ़ें, उससे पहले आपकी चिंता को थोड़ा कम कर देते हैं। सूर्य जिस परिस्थिति से गुजरेगा, उसमें अभी करीब 5 अरब साल बाकी हैं। यह बहुत लंबा वक्‍त है। हालांकि रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में पब्लिश होने के लिए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि सूर्य जैसे तारे की गर्म गैस के आवरण से घिरे ग्रहों के इंटरेक्‍शन करने पर ग्रह के आकार के आधार पर कई तरह के परिणाम सामने आ सकते हैं। शोध में पता चला है कि सूर्य के अपने ग्रहों को निगलने पर उसकी चमक और बढ़ सकती है।  

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में लीड लेखक ‘रिकार्डो यारजा' ने ने समझाया कि जैसे ही ग्रह तारे के अंदर पहुंचता है, तो एक ड्रैग फोर्स ग्रह की ऊर्जा को तारे में स्थानांतरित करता है। रिसर्चर्स ने जिस सिमुलेशन का इस्‍तेमाल किया, उससे किसी नतीजे पर सटीकतौर पर पहुंचना मुमकिन नहीं है, लेकिन एक झलक जरूर मिलती है। स्‍टडी कहती है कि बृहस्‍पति जैसा ग्रह सूर्य की ‘चपेट' से बच सकता है, लेकिन वह तब होगा, जब वह सूर्य की त्रिज्‍या से 10 गुना तक फैल जाए। 

हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के गैया (Gaia) स्‍पेसक्राफ्ट के आंकड़े बताते हैं कि सूर्य अपने मध्‍य युग में पहुंच गया है। यानी  इसने अपनी जिंदगी का आधा समय पूरा कर लिया है। एजेंसी का कहना है कि खत्‍म होने के बाद सूर्य एक मंद सफेद तारा बन सकता है, जो बाकी तारों की तरह ही होगा। सूर्य के खत्‍म होने का मतलब होगा कि पृथ्‍वी पर भी जीवन अपने विनाश की ओर बढ़ जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य के मरने पर पृथ्‍वी पर जीवन नामुमकिन हो जाएगा। पेड़-पौधे मर जाएंगे। उन जीवों की भी मौत हो जाएगी, जो पौधों पर निर्भर हैं। इससे जीवों और खाने की पूरी श्रृंखला पर असर होगा। पृथ्‍वी पर सूर्य की रोशनी नहीं पहुंचने से वातावरण दूषित होगा। भयानक ठंड पड़ेगी और इंसान के जीना मुश्किल हो जाएगा। 
 

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