यूरीन का रंग पीला क्यों होता है? वैज्ञानिकों ने लगा लिया पता!

जब रेड ब्लड सेल टूटती हैं तो उनमें से एक नारंगी कलर का पिग्मेंट निकलता है जिसे बिलिरूबिन (bilirubin) कहते हैं। 

यूरीन का रंग पीला क्यों होता है? वैज्ञानिकों ने लगा लिया पता!

Photo Credit: Unsplash

इस स्टडी से पहले माना जाता था कि इस प्रक्रिया में कई एंजाइम शामिल हैं।

ख़ास बातें
  • जब रेड ब्लड सेल टूटती हैं तो एक नारंगी कलर का पिग्मेंट निकलता है।
  • 125 साल पहले यूरीन में पाए जाने वाले यूरोबिलिन तत्व का लगा था पता।
  • स्टडी से पहले माना जाता था कि इस प्रक्रिया में कई एंजाइम शामिल हैं।
विज्ञापन
क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे यूरीन या पेशाब का रंग पीला ही क्यों होता है? वैज्ञानिकों ने इससे जुड़ी एक स्टडी पेश की है। नेचर माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च में वैज्ञानिकों पेशाब के पीले रंग के लिए जिम्मेदार एंजाइम के बारे में जिक्र किया है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरिलैंड में डिपार्टमेंट ऑफ सेल बायोलॉजी और मालिक्यूलर जेनेटिक्स के असिस्टेंट प्रोफेसर का कहना है कि उन्होंने इस गुत्थी को सुलझा लिया है। 

मानव शरीर का अध्य्यन करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार, मनुष्य के यूरीन में पानी, इलेक्ट्रोलाइट, और व्यर्थ पदार्थ भी होते हैं। ये सभी किडनी द्वारा फिल्टर प्रोसेस के दौरान रक्त से बाहर निकाल दिए जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 125 साल पहले वैज्ञानिकों ने यूरीन में पाए जाने वाले यूरोबिलिन तत्व का पता लगाया था। लेकिन यह कैसे बनता है, कहां से आता है, इसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं थी। अब लेटेस्ट स्टडी पेशाब के रंग और शरीर में पाई जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) के संबंध के बारे में बात करती है। जब रेड ब्लड सेल टूटती हैं तो उनमें से एक नारंगी कलर का पिग्मेंट निकलता है जिसे बिलिरूबिन (bilirubin) कहते हैं। 

साधारण तौर पर यह पिग्मेंट हमारे पाचन तंत्र में छोड़ दिया जाता है, फिर इसका कुछ भाग दोबारा से रक्त द्वारा सोख लिया जाता है। जब यह छोटी आंत में पहुंचता है तो यहां मौजूद जीवाणु इसको अलग अलग कणों में तोड़ देते हैं। जीवाणु इसे बिलिरूबिन रिडक्टेज में बदल देते हैं जो कि बिलिरुबिन को एक रंग रहित बायप्रोडक्ट में बदल देता है। इसे यूरोबिलिनोजन कहते हैं। स्टडी के प्रमुख ऑथर के अनुसार, यूरोबिलिनोजन अब तुरंत यूरोबिलिन में परिवर्तित हो जाता है। यही पेशाब के पीले रंग के लिए जिम्मेदार है। 

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस स्टडी से पहले माना जाता था कि इस प्रक्रिया में कई एंजाइम शामिल हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। पीला रंग सिंगल एंजाइम का ही नतीजा निकल कर आता है। बिलिरूबिन रिडक्टेज की खोज शोधकर्ताओं को अब पेट की सेहत, बॉउल डिसीज, और पीलिया जैसी बीमारियों के बारे में बेहतर तरीके से समझ पैदा करने में मदद कर सकती है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि ये एंजाइम हर किसी में मौजूद होते हैं। लेकिन नवजातों और इन्फ्लेमेटरी बाउल डिसीज वाले व्यक्तियों में ये नहीं मौजूद होते हैं। बहरहाल, रिसर्चर्स को उम्मीद है कि पेट और लिवर संबंधी बीमारियों को अब पहले से बेहतर तरीके से समझा और ठीक किया जा सकेगा। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon Prime Day Sale: Haier, Samsung, LG के रेफ्रीजरेटर खरीदने पर होगी हजारों रुपये की बचत 
  2. Amazon Prime Day Sale: Oppo के स्मार्टफोन्स को 40 प्रतिशत तक कम प्राइस में खरीदने का मौका
  3. Amazon Prime Day Sale: Apple के iPhone 16 Pro Max, iPhone 16e और iPhone 15 पर बेस्ट डील्स
  4. Android स्मार्टफोन में कैसे चेक करें बैटरी हेल्थ, ये है सबसे आसान तरीका
  5. भारत में एंट्री के लिए तैयार Elon Musk की टेस्ला, 15 जुलाई को मुंबई में खुलेगा शोरूम!
  6. Amazon Prime Day Sale: OnePlus के स्मार्टफोन्स पर बड़ा डिस्काउंट, OnePlus Buds 3 को मुफ्त लेने का मौका
  7. Amazon Prime Day Sale 2025: Rs 20,000 से कम कीमत में 5 बेस्ट टैबलेट डील्स
  8. Amazon Prime Day Sale: स्मार्ट TVs पर 60 प्रतिशत से ज्यादा का डिस्काउंट
  9. Amazon Prime Day Sale 2025: Rs 50,000 के अंदर टॉप लैपटॉप डील्स
  10. Amazon Prime Day Sale 2025: 1.5 Ton साइज, 4 Star एनर्जी रेटिंग और AI फीचर्स, वो भी Rs 30 हजार में!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »