अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक ब्लैक होल से आने वाले साउंड को फिर से रिलीज किया है। इस साउंड को इंसान के कानों (human ears) से सुना जा सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, यह ब्लैक होल पृथ्वी से 200 प्रकाश वर्ष दूर पर्सियस आकाशगंगा क्लस्टर (Perseus galaxy cluster) में स्थित है। ब्लैक होल बेहद घने पदार्थ होते हैं, जिनका गुरुत्वाकर्षण इतना तेज होता है कि प्रकाश भी उसके असर से नहीं बच पाता। ब्लैक होल के साउंड का ऑडियो नासा ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है। इसमें यह भी बताया गया है कि साउंड निर्वात (vacuum) में कैसे यात्रा करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, नासा एक्सोप्लैनेट्स @NASAexoplanets ट्विटर अकाउंट पर बताया गया है कि यह गलत धारणा है कि अंतरिक्ष में कोई साउंड नहीं है। आमतौर पर माना जाता है कि अंतरिक्ष में ज्यादातर स्थान एक निर्वात (vacuum) है, जिससे ध्वनि तरंगों (sound waves) को ट्रैवल करने का रास्ता नहीं मिलता। जबकि इस मामले में आकाशगंगा क्लस्टर में मौजूद गैस से साउंड को पिक किया गया। इसके बाद साउंड को बढ़ाते हुए उसे मिक्स किया गया और तकनीक जरिए हमारे कानों तक पहुंचाया गया है।
खास बात यह है कि नासा ने इस साल मई में भी इस आकाशगंगा क्लस्टर से आ रहे ऑडियो को रिलीज किया था। यह साउंड एकदम नया है। वीडियो क्लिप में गड़गड़ाहट और कराहने जैसी आवाज है। यह वास्तव में ब्लैक होल जिन प्रेशर वेव्स को भेजता है, उनसे इस आकाशगंगा की गर्म गैसों में तरंगें पैदा होती हैं। यह साउंड में बदलने लगती हैं।
इस साउंड को नासा की चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेट्री (Chandra X-ray Observatory) द्वारा कैप्चर किए गए डेटा से बनाया गया है। इसकी मूल रिकॉर्डिंग इस साल मई में रिलीज की गई थी, जैसाकि हम आपको पहले बता चुके हैं।
कुछ और खबरों की बात करें, तो पिछले महीने ही खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा से सटी आकाशगंगा में एक निष्क्रिय ब्लैक होल देखा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यह एक मरते हुए तारे के विस्फोट के बिना पैदा हुआ है। यह पृथ्वी से लगभग 160,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि एक प्रकाश वर्ष में 9.5 ट्रिलियन किलोमीटर होते हैं।