चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी को लेकर दुनियाभर में रिसर्च चल रही है। बीते दिनों हमने आपको जानकारी दी थी कि चीनी साइंटिस्ट चंद्रमा से लाए गए सैंपल्स का परीक्षण कर रहे हैं। इन सैंपलों का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि चंद्रमा के एक हिस्से में मिट्टी में पानी की मात्रा पहले के मुकाबले कम लगती है। इंटरनेशनल जरनल- नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश एक पेपर में उनकी ओर से कहा गया है कि चांद से लाए गए सैंपल्स में मिले पानी का अहम हिस्सा चंद्रमा के इंटीरियर से आया होगा।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की
खबर के अनुसार, वैज्ञानिकों की टीम ने Chang'e 5 मिशन के जरिए चंद्रमा से लाए गए सैंपल्स को टेस्ट किया। ये सैंपल साल 2020 में पृथ्वी पर लाए गए थे। इस चीनी लैंडर ने चंद्रमा की सतह को स्कैन किया और सैंपल्स को इकट्ठा किया था।
वैज्ञानिकों ने पहले जो विश्लेषण किया था, उसकी तुलना में यह रिजल्ट कम था। बीजिंग में नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेट्री में कार्यरत लियू जियानजुन ने कहा कि Chang'e 5 के इक्विपमेंट ने वहां हाइड्रॉक्सिल की उपस्थिति को मापा, जो पानी का एक करीबी रासायनिक रिश्तेदार है और पानी का संकेतक भी है। लियू और उनके सहयोगियों ने लैंडर द्वारा वापस लाए गए नमूनों का भी विश्लेषण किया ताकि यह समझने की कोशिश की जा सके कि हाइड्रॉक्सिल कहां से आया है। सैंपल्स कई सोर्सेज की ओर इशारा करते हैं।
चीनी वैज्ञानिकों ने अपने सैंपल्स की तुलना अपोलो 11 मिशन के सैंपल्स के साथ की। इन्हें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने मिशन में एकत्र किया था। पता चला कि सूर्य से हाइड्रोजन आयन लगातार चंद्रमा की सतह पर पहुंचते हैं और चंद्रमा में मौजूद खनिजों में पाई जानी वाली ऑक्सीजन के साथ मिलकर हाइड्रॉक्सिल और यहां तक कि पानी बनाते हैं।
इसके अलावा एपेटाइट की भी हाइड्रॉक्सिल के निर्माण में भूमिका बताई गई है। एपेटाइट, चंद्रमा पर पाया जाने वाला एक खनिज है। लियु का कहना है कि यह पानी का एक और महत्वपूर्ण स्रोत होगा।
गौरतलब है कि चंद्रमा की सतह को करीब एक दशक पहले तक पूरी तरह से सूखा माना जाता था। पहली बार भारत के चंद्रयान 1 मिशन ने चंद्रमा की मिट्टी में पानी की मौजूदगी की पुष्टि की थी। साइंटिस्ट अब उन सैंपल्स में पानी की मौजूदगी का पता लगा रहे हैं, जो वह चंद्रमा से अपोलो, लूना और Chang'e 5 मिशन के जरिए वापस लाए हैं। चीनी वैज्ञानिकों की टीम आने वाले वक्त में कई और खनिजों की भी तलाश करेगी, जो वहां पानी की मौजूदगी का एक सोर्स हो सकते हैं।