• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • क्‍या डूब जाएंगे समुद्र के किनारे बसे शहर? पूर्वी अंटार्कटिका की बर्फीली चादरों पर आ रही गर्म आफत, जानें पूरा मामला

क्‍या डूब जाएंगे समुद्र के किनारे बसे शहर? पूर्वी अंटार्कटिका की बर्फीली चादरों पर आ रही गर्म आफत, जानें पूरा मामला

विशेषज्ञों के अनुसार, यह समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाएगा और तटीय इलाकों में मानव बस्तियों के लिए खतरा बनेगा।

क्‍या डूब जाएंगे समुद्र के किनारे बसे शहर? पूर्वी अंटार्कटिका की बर्फीली चादरों पर आ रही गर्म आफत, जानें पूरा मामला

अब तक रिसर्चर्स को यही लगता था कि पूर्वी अंटार्कटिक में स्थित बर्फ की चादर स्थिर है और गर्म पानी से प्रभावित नहीं है।

ख़ास बातें
  • रिसर्चर्स ने हिंद महासागर में तट से बहुत दूर अपनी स्‍टडी पर फोकस किया
  • इस जगह को ऑरोरा सबग्लेशियल बेसिन के रूप में जाना जाता है
  • यहां के डेटा का विश्‍लेषण करने के बाद वैज्ञानिक हैरान रह गए
विज्ञापन
पृथ्‍वी गर्म हो रही है और हमारी जिंदगी पर इसका असर पड़ रहा है। एक हालिया अध्‍ययन ने इससे जुड़ी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। इसमें कहा गया है कि समुद्र का गर्म पानी पूर्वी अंटार्कटिका में बर्फ की चादरों की ओर बढ़ रहा है। इससे दुनिया भर के समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी और तेज होने की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाएगा और तटीय इलाकों में मानव बस्तियों के लिए खतरा बनेगा। रिसर्चर्स पश्चिमी अंटार्कटिक में बर्फ की चादरों के पिघलने और इसकी वजह से समुद्र के बढ़ते स्तर के बारे में जानते थे, लेकिन पूर्वी अंटार्कटिक में ऐसा हो रहा है, इसकी उन्‍हें बहुत कम जानकारी थी। 

रिसर्चर्स ने हिंद महासागर में तट से बहुत दूर अपनी स्‍टडी पर फोकस किया। इस जगह को ऑरोरा सबग्लेशियल बेसिन के रूप में जाना जाता है। जमे हुए समुद्र का इसका क्षेत्र पूर्वी अंटार्कटिक के बर्फ की चादर का हिस्सा है। यह दुनिया की सबसे बड़ी बर्फ की चादर है। ऑरोरा सबग्लेशियल बेसिन समुद्र तल से नीचे है, जिसके गर्म पानी की वजह से पिघलने की अधिक संभावना है।

नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित स्‍टडी में बताया गया है कि टीम ने ऑरोरा सबग्लेशियल बेसिन से 90 साल के समुद्र संबंधी डेटा का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि 20वीं शताब्दी के पहले समुद्र 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की दर से गर्म हो रहा था। 1990 के दशक से यह दर तीन गुना हो गई है और हर दशक में इसमें बढ़ोतरी हो रही है। 

तापमान में इस बढ़ोतरी को रिसर्चर्स ने दक्षिणी महासागर के ऊपर बहने वाली तेज पश्चिमी हवाओं की एक बेल्ट से जोड़ा। ये हवाएं 1960 के दशक से अंटार्कटिका के दक्षिण की ओर बढ़ रही हैं। ऐसा संभवत: ग्रीन हाउस गैसों में बढ़ोतरी की वजह से है, जिसके कारण गर्मियों में अंटार्कटिका की ओर पछुआ हवाएं चल रही हैं और अपने साथ गर्म पानी ला रही हैं।

अब तक रिसर्चर्स को यही लगता था कि पूर्वी अंटार्कटिक में स्थित बर्फ की चादर स्थिर है और गर्म पानी से प्रभावित नहीं है। लेकिन स्‍टडी से पता चला है कि यहां भी गर्म पानी का असर हो रहा है। इस क्षेत्र में पानी के तापमान में वृद्धि समुद्री इकोसिस्‍टम के लिए खतरा बन गई है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. OnePlus 15R Ace Edition से उठा पर्दा, खूबसूरत फोन 17 दिसंबर को होगा लॉन्च, जानें खास बातें
  2. पब्लिक वाई-फाई इस्तेमाल करते हुए अपने लैपटॉप और डाटा को कैसे रखें सुरक्षित
  3. Vivo X200T की लॉन्च टाइमलाइन लीक, जनवरी 2026 में देगा दस्तक! जानें डिटेल
  4. OnePlus के तीन 50 मेगापिक्सल कैमरा वाले फ्लैगशिप फोन पर 10 हजार का डिस्काउंट
  5. जॉब अलर्ट! AI, कोडिंग समेत इन 3 क्षेत्रों से जल्द कर देगा नौकरी खत्म ...
  6. Ather Energy के Rizta इलेक्ट्रिक स्कूटर को मिला जोरदार रिस्पॉन्स, 2 लाख यूनिट्स से ज्यादा की बिक्री
  7. Poco M8 Pro में हो सकती है 6,330mAh की बैटरी, US FCC पर हुई लिस्टिंग
  8. 2030 तक AI बनेगा भारत की नेशनल सिक्योरिटी का इंजन, IFSEC India 2025 में दिखा टेक्नोलॉजी का दबदबा!
  9. Apple यूजर्स सावधान! तुरंत कर लें डिवाइस अपडेट, हो सकते हैं नए स्पाइवेयर का शिकार
  10. CP Plus और Qualcomm ने मिलाया हाथ, भारत में तैयार होंगे नेक्स्ट जेनरेशन AI वीडियो सिक्योरिटी सिस्टम!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »