Mars : 9022 मीटर! मंगल ग्रह पर माउंट एवरेस्‍ट से ऊंचा ज्‍वालामुखी मिला

Mars News : ज्‍वालामुखी की ऊंचाई 9,022 मीटर आंकी गई है। उसके मुकाबले पृथ्‍वी की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है।

Mars : 9022 मीटर! मंगल ग्रह पर माउंट एवरेस्‍ट से ऊंचा ज्‍वालामुखी मिला

जिस जगह पर ज्‍वालामुखी मिला है, वहां तीन और ज्‍वालामुखी एस्क्रेयस मॉन्स, पावोनिस मॉन्स और अर्सिया मॉन्स भी स्थित हैं।

ख़ास बातें
  • मंगल ग्रह पर मिला नया ज्‍वालामुखी
  • एवरेस्‍ट से भी ज्‍यादा है ऊंचाई
  • ज्‍वालामुखी के नीचे हो सकता है ग्‍लेशियर
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मंगल ग्रह कई रहस्‍यों को समेटे हुए है। वहां ऐसी-ऐसी चीजें हैं, जिनका सामने आना बाकी है। नई खोज करते हुए मंगल पर माउंट एवरेस्ट से भी ऊंचा विशाल ज्वालामुखी (Volcano on Mars) खोजा गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ज्‍वालामुखी कई साल से मौजूद है, लेकिन वैज्ञानिकों की नजर में नहीं आ पाया। यह मंगल ग्रह पर ऐसी जगह में है, जो एक तरह की भूलभूलैया है। ज्‍वालामुखी की ऊंचाई 9,022 मीटर आंकी गई है। उसके मुकाबले पृथ्‍वी की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है। यह ज्‍वालामुखी करीब 450 किलोमीटर चौड़ा है। 

जिस जगह पर ज्‍वालामुखी मिला है, वहां तीन और ज्‍वालामुखी एस्क्रेयस मॉन्स, पावोनिस मॉन्स और अर्सिया मॉन्स भी स्थित हैं। दिलचस्‍प है कि यह कई दशकों से एक्टिव है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके साउथईस्‍ट हिस्‍से में एक ऐसा ज्‍वालामुखी भंडार है, जिसके नीचे ग्‍लेशियर की बर्फ मौजूद हो सकती है। 
 

खोज में इतना वक्‍त क्‍यों लग गया 

मंगल कोई छोटा ग्रह नहीं है। वहां लैंड करने वाले मिशन एक निश्‍चित एरिया में उतरते हैं। तमाम स्‍पेसक्राफ्ट मंगल ग्रह का चक्‍कर लगाते हैं और वहां मौजूद ऑब्‍जेक्‍ट को टटोलते हैं। इस ज्‍वालामुखी को 1971 से देखा जा रहा था, लेकिन कन्‍फर्म नहीं था कि वह ज्‍वालामुखी है। सिर्फ एक स्‍ट्रक्‍चर की जानकारी थी। 

वैज्ञानिकों ने इलाके को टटोलना शुरू किया तो पता चला कि वह एक ज्‍वालामुखी है। जांच में यह भी पता चला कि ज्‍वालामुखी के आसपास 5 हजार वर्ग किलोमीटर के एरिया में ज्‍वालामुखी डिपॉजिट्स भी हैं, जो अलग-अलग आकार में मौजूद हैं। 

दुनिया की तमाम स्‍पेस एजेंसियां मंगल ग्रह पर अपने मिशन भेज रही हैं। एलन मस्‍क की कंपनी स्‍पेसएक्‍स भी इस दौड़ में शामिल है। वह दुनिया के सबसे भारी रॉकेट स्‍टारशिप (Starship) को टेस्‍ट कर रही है। अगर वह रॉकेट सफल होता है, तो भविष्‍य में अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। 
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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