ब्लैक होल (Black Hole) का नाम सुनते ही दिमाग में ऐसा ऑब्जेक्ट उभरता है, जो हर चीज को खुद में समा लेने के लिए लालायित दिखता है। हमारे ब्रह्मांड में हजारों-लाखों ब्लैक होल मौजूद हैं। इनमें से कुछ इतने बड़े हैं कि उनके आगे सूर्य भी कुछ नहीं। ऐसा ही एक ब्लैक होल वैज्ञानिकों ने खोजा है। यह हमारी पृथ्वी से सिर्फ 1,600 प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह ब्लैक होल सूर्य से 10 गुना बड़ा है। ये फाइंडिंग्स रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के मंथली नोटिस में पब्लिश की गई हैं।
बताया जाता है कि यह ब्लैक होल ओफिचस (Ophiuchus) नक्षत्र में स्थित है और अबतक पृथ्वी के नजदीक माने जाने वाले ब्लैक होल से भी 3 गुना ज्यादा हमारी धरती के करीब है। ध्यान देने वाली बात है कि सूर्य के जैसा एक तारा इस ब्लैक होल का चक्कर लगाता है। यह लगभग उतनी ही दूरी पर ब्लैक का चक्कर लगाता है, जितनी दूरी पर पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है।
इस ब्लैक के ऑब्जर्वेशन में जेमिनी नॉर्थ टेलीस्कोप की भूमिका अहम रही, जो हवाई में स्थित है। इससे पहले टीम ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के गैया स्पेसक्राफ्ट से मिले डेटा का विश्लेषण करके इस ब्लैक होल की मौजूदगी का अंदाजा लगाया।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, ब्लैक होल अंतरिक्ष में वह क्षेत्र है जहां इतना मजबूत गुरुत्वाकर्षण होता है कि वह प्रकाश को भी अपने अंदर खींच लेता है। लोग, ब्लैक होल को नहीं देख सकते क्योंकि उनसे कोई प्रकाश बाहर नहीं निकल सकता है। खास तरह की अंतरिक्ष दूरबीनों से ब्लैक होल की खोज में मदद मिलती है। दूरबीनों से यह पता चलता है कि ब्लैक होल के पास मौजूद तारे, बाकी तारों से कैसे अलग हैं और कैसा बिहेव कर रहे हैं।
ब्लैक होल को लेकर की गईं खोज अभी बहुत कम लगती हैं। हाल में एक
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि हरेक ब्लैक होल में एक नया ब्रह्मांड होता है। पोलिश सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी, निकोडेम पोपलावस्की (Nikodem Popławski) का मानना है कि हरेक ब्लैक होल में एक नया ब्रह्मांड होता है। उन्होंने कहा था कि हमारा पूरा ब्रह्मांड एक ब्लैक होल के अंदर मौजूद हो सकता है, जो दूसरे ब्रह्मांड का हिस्सा है।