अमेरिका और बाकी पश्चिमी देशों को मजबूत कॉम्पिटिशन देते हुए चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लगातार आगे बढ़ा रहा है। जून महीने में तीन और अंतरिक्ष यात्रियों को नए स्पेस स्टेशन में भेजे जाने की तैयारी है। हाल ही में इस स्पेस स्टेशन में 6 महीने का समय बिताकर यात्रियों का एक ग्रुप देश वापस लौटा है। साल 2003 में चीन ने अपना महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू किया था, जिसके तहत पहले अंतरिक्ष यात्री को लॉन्च किया गया था। इसके बाद अहम उपलब्धि साल 2013 में चीन के नाम हुई, जब उसने चंद्रमा पर अपना रोवर उतारा। पिछले साल मंगल ग्रह पर भी चीन अपना रोवर उतार चुका है। बताया जा रहा है कि चंद्रमा पर एक क्रू मिशन को भेजने के बारे में भी चीन चर्चा कर रहा है।
एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस के डायरेक्टर- हाओ चुन ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में बताया कि शेनझोउ 14 कैप्सूल का चालक दल स्टेशन में दो मॉड्यूल जोड़ने के लिए तियांगोंग पर छह महीने बिताएंगे। तियांगोंग जिसे हेवनली पैलेस भी कहते हैं, उसका मुख्य मॉड्यूल अप्रैल 2021 में लॉन्च किया गया था। इसका काम इस साल पूरा करने की योजना है।
हाओ चुन ने बताया कि इसके बाद जुलाई में वेंटियन मॉड्यूल और अक्टूबर में मेंगटियन मॉड्यूल को लॉन्च किया जाएगा।
हाओ ने बताया कि शेनझोउ 14 क्रू मिशन के आखिर में तीन और अंतरिक्ष यात्रियों को शेनझोउ 15 में 6 महीनों के लिए लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो क्रू करीब तीन से पांच दिनों के लिए ओवरलैप करेंगे और पहली बार स्टेशन पर छह लोग सवार होंगे। इसी मिशन के तहत शनिवार को शेनझोउ 13 में शामिल क्रू, इनर मंगोलिया के नॉर्थ रीजन के गोबी रेगिस्तान में सफलतापूर्वक लैंड कर गया।
इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री वांग यापिंग पहला स्पेसवॉक करने वाली पहली चीनी महिला बन गईं। क्रू ने अपना अनुभव स्कूली छात्रों के साथ शेयर किया है।
पूर्व के सोवियत संघ और अमेरिका के बाद अपने दम पर यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने वाला चीन तीसरा देश है। तियांगोंग चीन का तीसरा अंतरिक्ष स्टेशन है। इससे पहले साल 2011 और 2016 में भी दो स्टेशन लॉन्च किए जा चुके हैं। ध्यान रहे कि चीन को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से बाहर रखा गया है, क्योंकि अमेरिका को लगता है चीन का स्पेस प्रोग्राम वहां की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा चलाया जाता है।