EY की रिपोर्ट में खुलासा, भारत वर्कप्लेस AI अपनाने में दुनिया में सबसे आगे।
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भारत वर्कप्लेस पर AI अपनाने के मामले में दुनिया के टॉप देशों में शामिल हो गया है। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 62 प्रतिशत कर्मचारी अपने काम में रेगुलर तौर पर Generative AI का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, 90 प्रतिशत एम्प्लॉयर्स और 86 प्रतिशत एम्प्लॉयीज का मानना है कि AI से प्रोडक्टिविटी पर पॉजिटिव असर पड़ा है। यह डेटा EY की 2025 Work Reimagined Survey में सामने आया है, जो वर्कप्लेस में AI के असर को लेकर ग्लोबल लेवल पर की गई स्टडी पर आधारित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 75 प्रतिशत कर्मचारी और 72 प्रतिशत एम्प्लॉयर्स मानते हैं कि GenAI से डिसीजन मेकिंग बेहतर हुई है। इसके अलावा, काम की क्वालिटी को लेकर भी पॉजिटिव फीडबैक देखने को मिला है, जहां 82 प्रतिशत कर्मचारी और 92 प्रतिशत एम्प्लॉयर्स का कहना है कि AI ने उनके काम के आउटपुट को बेहतर बनाया है। EY के AI Advantage Index में भारत को 53 पॉइंट्स मिले हैं, जबकि ग्लोबल एवरेज सिर्फ 34 पॉइंट्स का है। यह इंडेक्स इस बात को मापता है कि AI से कर्मचारियों का कितना समय बच रहा है और उसका रियल-वर्ल्ड इम्पैक्ट क्या है।
EY की यह सर्वे रिपोर्ट (via DDNews) अपने छठे एडिशन में है और इसमें 29 देशों के करीब 15,000 कर्मचारी और 1,500 एम्प्लॉयर्स शामिल किए गए। भारत में यह सर्वे 800 कर्मचारियों और 50 एम्प्लॉयर्स के साथ किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ऐसा इकोसिस्टम बन रहा है, जहां AI अपनाने के साथ-साथ एम्प्लॉयी एंगेजमेंट और वर्कफोर्स रेजिलिएंस पर भी फोकस किया जा रहा है।
वर्कफोर्स वेलबीइंग के मामले में भी भारत आगे रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को Talent Health Index में 82 स्कोर मिला है, जो सभी देशों में सबसे ज्यादा है। यह इंडेक्स वर्क कल्चर, रिवॉर्ड्स और स्किल डेवलपमेंट जैसे फैक्टर्स के आधार पर एम्प्लॉयी सेटिस्फेक्शन को मापता है। इसके मुकाबले ग्लोबल एवरेज Talent Health स्कोर 65 बताया गया है।
EY इंडिया के मुताबिक, भारत में AI गवर्नेंस को लेकर भी भरोसा मजबूत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 94 प्रतिशत एम्प्लॉयर्स और 89 प्रतिशत कर्मचारी मानते हैं कि उनके संगठन AI का इस्तेमाल एथिकल और जिम्मेदार तरीके से कर रहे हैं। हालांकि, एक गैप भी सामने आया है। जहां एक तरफ 87 प्रतिशत कर्मचारी और 90 प्रतिशत एम्प्लॉयर्स नई स्किल्स सीखने को जरूरी मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ AI ट्रेनिंग में असली इन्वेस्टमेंट अभी सीमित है। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर कर्मचारी साल में 40 घंटे से भी कम समय AI से जुड़ी ट्रेनिंग पर खर्च कर पा रहे हैं।
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