• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • धरती से 400km ऊपर 1 दिन में 16 बार सूरज को उगते और डूबते देख रहीं सुनीता विलियम्‍स, ऐसा क्‍यों? जानें

धरती से 400km ऊपर 1 दिन में 16 बार सूरज को उगते और डूबते देख रहीं सुनीता विलियम्‍स, ऐसा क्‍यों? जानें

धरती से 400 किलोमीटर ऊपर इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) में रहने वाले अंतरिक्ष यात्री एक दिन में सिर्फ एक बार सूर्योदय या सूर्यास्‍त नहीं देखते। उनके साथ ऐसा 16 बार होता है।

धरती से 400km ऊपर 1 दिन में 16 बार सूरज को उगते और डूबते देख रहीं सुनीता विलियम्‍स, ऐसा क्‍यों? जानें

अंतरिक्ष में एस्‍ट्रोनॉट, यूनिवर्सल टाइम का पालन करते हैं और उसी हिसाब से रोजाना के कामकाज करते हैं।

ख़ास बातें
  • अंतरिक्ष में एक दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्‍त
  • अंतरिक्ष यात्री करते हैं अनुभव
  • इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर रहने वाले यात्री करते हैं अनुभव
विज्ञापन
धरती से 400 किलोमीटर ऊपर इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) में रहने वाले अंतरिक्ष यात्री एक दिन में सिर्फ एक बार सूर्योदय या सूर्यास्‍त नहीं देखते। उनके साथ ऐसा 16 बार होता है। मौजूदा समय में भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्‍स भी आईएसएस पर हैं और वह भी हर रोज 16 बार सूर्य को उदय और अस्‍त होते हुए देखती हैं। साल 2013 में जब सुनीता भारत आई थीं, तो उन्‍होंने यह वाकया शेयर किया था। गौरतलब है कि तब गुजराज यूनिवर्सिटी में सुनीता विलियम्‍स को सम्‍मानित किया गया था। 

अपने एक्‍सपीरियंस को शेयर करते हुए सुनीता ने बताया था कि मैं अंतरिक्ष में जाना चाहती थी और इसके लिए कड़ी मेहनत की। मैं भाग्यशाली थी कि मुझे एक हाईस्‍पीड स्‍पेसक्राफ्ट में एक दिन में 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखने को मिले। 

सुनीता विलियम्‍स एक बार फ‍िर अंतरिक्ष में पहुंची हैं। उनके साथी बुच विलमोर और अन्‍य एस्‍ट्रोनॉट्स भी वहां हैं। सुनीता और बुच ने बोइंग के स्‍टारलाइनर स्‍पेसक्राफ्ट में सवार होकर उड़ान भरी थी। आईएसएस पर डॉक करने के बाद स्‍टारलाइनर में खराबी आ गई और उसे बिना एस्‍ट्रोनॉट्स के धरती पर लाना पड़ा। इस वजह से सुनीता विलियम्‍स और बुच विल्‍मोर अंतरिक्ष में ही रह गए। अब वह अगले साल फरवरी में धरती पर लौट पाएंगे। 
 

ISS पर क्‍यों होता है 16 बार सूर्योदय-सूर्यास्‍त 

रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन की रफ्तार 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे है। वह पृथ्वी का एक चक्‍कर 90 मिनट में लगा लेता है। पृथ्‍वी के चारों ओर इतनी तेज रफ्तार की वजह से अंतरिक्ष यात्री हर 45 मिनट में सूर्योदय या सूर्यास्‍त को देखते हैं। आम इंसान के साथ ऐसा दिन में एक ही बार होता है। 

अंतरिक्ष यात्री जब आईएसएस पर होते हैं, तो उनके सामने हर 45 मिनट में या तो सूर्योदय होता है या सूर्यास्‍त। इस दौरान एस्‍ट्रोनॉट यूनिवर्सल टाइम का पालन करते हैं और उसी हिसाब से अपने रोजाना के कामकाज को पूरा करते हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती पर दिखेगा 'पिंक मून!' बैसाखी के साथ भी संयोग, जानें क्यों है खास
  2. 32GB रैम, 100MP AI कैमरा, 10100mAh बैटरी के साथ DOOGEE S200 Plus लॉन्च, रियर में भी AMOLED डिस्प्ले! जानें कीमत
  3. शादी की साड़ी, सोने के बिस्किट, 25kg गाय का घी! Uber में लोगों ने छोड़ा अजब-गजब सामान ...
  4. Oppo Enco Free 4 ईयरबड्स हुए लॉन्च, ANC के साथ गजब फीचर्स से लैस
  5. iQOO Z10x 5G vs Realme Narzo 80x 5G: 15 हजार में कौन सा रहेगा बेस्ट
  6. IT में जॉब का बड़ा मौका, TCS करेगी 42,000 फ्रेशर्स की हायरिंग
  7. Samsung Galaxy Z Fold 7 के स्पेसिफिकेशंस हुए लीक, जल्द होगा लॉन्च
  8. IPL के दम पर JioHotstar के पेड सब्सक्राइबर्स हुए 20 करोड़ से ज्यादा
  9. 38 हजार से ज्यादा गिरी Samsung Galaxy S24 Ultra 5G की कीमत, देखें पूरा ऑफर
  10. Redmi का A5 अगले सप्ताह होगा भारत में लॉन्च, 10,000 रुपये से कम हो सकता है प्राइस
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »