Nasa की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (
Sunita Williams) और उनके साथी बुच विल्मोर (Butch Wilmore) कई दिनों से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं। वह बोइंग के स्टारलाइनर (Starliner) स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर गए थे। स्पेसक्राफ्ट में आई बड़ी खराबी की वजह से स्टारलाइनर को पृथ्वी पर वापस नहीं लाया जा रहा और सुनीता व बुच स्पेस में ही रह गए हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अंतिम रूप से तय नहीं कर पाई है कि सुनीता विलियम्स और बुच को धरती पर कैसे लाया जाए। अगर वह आईएसएस के मौजूदा क्रू के साथ वहां रुके रहते हैं तो अगले साल 2025 में धरती पर लौट पाएंगे।
इसके अलावा, अगर दोनों एस्ट्रोनॉट्स को स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से ही धरती पर लाने की कोशिश की गई तो इसमें खतरा हो सकता है।
डेली मेल से बातचीत में अमेरिकी मिलिट्री स्पेस सिस्टम्स के पूर्व कमांडर रूडी रिडोल्फी ने तीन गंभीर परिस्थितियों के बारे में बात की है, जो स्टारलाइनर को वापस पृथ्वी पर लाने के दौरान सामने आ सकती हैं। थोड़ी सी भी गड़बड़ी अंतरिक्ष यात्रियों की जान पर खतरा बन सकती है।
सही एंगल से धरती पर वापसी जरूरी
रूडी रिडोल्फी का मानना है कि पृथ्वी पर सकुशल वापस पहुंचने के लिए स्टारलाइनर को सही एंगल में पृथ्वी के वायुमंडल में एंट्री करनी होगी। गलत एंगल में एंट्री की गई तो स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर अंतरिक्ष में रह जाएगा और तब एस्ट्रोनॉट्स के पास सिर्फ 96 घंटे की ऑक्सीजन बचेगी।
एक और संभावना यह है कि पृथ्वी पर आने के दौरान स्पेसक्राफ्ट का अलाइनमेंट सही नहीं हुआ तो वह पृथ्वी के वायुमंडल में कभी एंट्री नहीं कर पाएगा और हमेशा के लिए अंतरिक्ष में रह जाएगा।
हीट शील्ड हुई फेल तो भी आएगी ‘मौत'
अगर स्टारलाइनर ने अपने एंगल पर कोण बनाते हुए एंट्री की तो उसकी हीट शील्ड ज्यादा घर्षण और गर्मी की वजह से फेल हो सकती है। ऐसा होने पर स्पेसक्राफ्ट धरती की सतह पर पहुंचने से पहले ही जल सकता है।