इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) ने हाल ही में सोशल मीडिया यूजर्स के लिए एक सवाल-जवाब का सेशन रखा। मौका था जब स्पेस स्टेशन के दो अंतरिक्ष यात्री 7 घंटे का स्पेसवॉक करके स्पेस स्टेशन में वापस लौटे थे। इनमें एक जापान के अखिखो होशिदे और दूसरे फ्रांस के थोमस पेस्क्वेस्ट थे। दोनों ही यात्रियों से ट्विटर यूजर्स ने कई उत्सुकता भरे सवाल किए।
इस बातचीत के दौरान एक यूजर ने पूछा कि क्या उनके अंतरिक्ष सूट के अंदर तापमान में कुछ अंतर महसूस होता है? ISS के ऑफिशिअल ट्विटर हैंडल से जवाब आया, " स्पेसवॉक करने वाले अंतरिक्ष यात्री हर 90 मिनट में एक सूर्योदय और सूर्यास्त महसूस करते हैं।" साथ ही उन्होंने तापमान में अंतर वाली बात पर जो खुलासा किया, वह भी चौंकाने वाला था।
इस अद्भुत घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए नासा के एक्सपर्ट ने कहा कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन हर 90 मिनट के अंदर पृथ्वी का गोल चक्कर काट लेता है जिससे हर 45 मिनट के अंदर उनको एक सूर्यास्त और अगले 45 मिनट के अंदर एक सूर्योदय दिखाई देता है। यानि कि हर 90 मिनट में वो एक सूर्योदय और सूर्यास्त देख लेते हैं। इसके अलावा ये भी बताया कि इस दौरान तापमान में भारी अंतर आता है। सूर्यास्त के समय तापमान -250 डिग्री और सूर्योदय के समय यह 250 डिग्री फॉरेनहाइट होता है। स्पेस सूटों में इस तरह के कपड़े का इस्तेमाल किया गया होता है कि उनके ऊपर इस बदलते तापमान का ज्यादा असर नहीं पड़ता है।
अखिखो होशिदे और थोमस पेस्क्वेस्ट स्पेसशिप से बाहर एक सपोर्ट ब्रेकेट को इंस्टॉल करने के लिए निकले थे, ताकि आने वाले समय में स्पेस स्टेशन से तीसरा सोलर एर्रे अटैच किया जा सके। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया। इस साल के अंदर होने वाला यह 12वां स्पेसवॉक था।
चूंकि नासा ने इस साल इंटरनेशनल स्पेसस्टेशन को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए भी खोल दिया है, इसलिए वहां पर ऊर्जा की खपत भी बढ़ गई है। इसलिए टीम वहां पर मौजूद 8 चैनलों में से 6 चैनलों को अपग्रेड करने पर काम कर रही है ताकि आने वाले समय में पर्याप्त पावर सप्लाई उपलब्ध हो सके।