साल 2024 में अब तक कई सौर तूफान आ चुके हैं। इनमें से कुछ तो इतने बड़े थे जिन्होंने पृथ्वी पर कई जगह रेडियो ब्लैकआउट भी किया। सौर तूफान सूर्य में बने गड्ढों में होने वाले विस्फोट से जन्म लेते हैं। यह ऐसा ही है जैसे धरती पर कोई ज्वालामुखी फटता है। सूर्य में भी ऐसे ही विस्फोट होते रहते हैं जिनसे बहुत अधिक मात्रा में सौर ऊर्जा बाहर निकलती है। इन्हें सोलर फ्लेयर भी कहा जाता है। सौर तूफान के कारण ही आसमान में कई बार ऑरोरा बनते हैं। अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने अब एक और भयंकर सौर तूफान की सूचना दी है।
गुरूवार, 12 सिंतबर को एक सनस्पॉट से बड़ा
सौर तूफान उठा है। इससे X1.3 क्लास का
सोलर फ्लेयर उठा है। आपको बता दें कि X-class के सोलर फ्लेयर सबसे ताकतवर सौर तूफान माने जाते हैं। इनमें इतनी सौर ऊर्जा भरी होती है कि उसका बड़ा प्रभाव पृथ्वी तक पहुंचता है। इस तरह के सौर तूफानों से हाई फ्रिक्वेंसी (HF) रेडियो सिग्नल को नुकसान पहुंचता है। हालांकि जिस सनस्पॉट से यह उठा है, अभी उसका नाम वैज्ञानिकों ने नहीं दिया है। लेकिन यह एक बड़ा सौर तूफान है जिसका असर इस वीकेंड तक रह सकता है।
इस तरह के सौर तूफान पृथ्वी पर कम्युनिकेशन सिस्टम के लिए खतरा बन सकते हैं। क्योंकि हाई फ्रिक्वेंसी (HF) रेडियो सिग्नल को ये पूरी तरह से नष्ट कर सकते हैं या फिर बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। स्पेस डॉट कॉम के
अनुसार, सूर्य में हुए इस विस्फोट से Africa, Europe, और Asia के कुछ हिस्सों में कम्युनिकेशन प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, आज या कल में इसकी वजह से ऑरोरा भी दिखाई दे सकता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, सौर तूफानों का सीधा असर इंसानों पर नहीं होता है। इसकी वजह पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र है जो सौर तूफानों को पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर प्रवेश नहीं करने देता है। लेकिन ज्यादा बड़े और ताकतवर सौर तूफान बिजली के ग्रिड्स को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा पृथ्वी की निचली कक्षा में चक्कर लगा रहे सैटेलाइट्स को भी ये नुकसान पहुंचा सकते हैं।