भारत के स्पेस स्टार्ट-अप स्काइरूट (Skyroot) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। स्काइरूट ने विक्रम-1 रॉकेट के स्टेज-2 को टेस्ट-फायर कर लिया है। इस रॉकेट के बारे में कहा गया है कि यह साल के अंत में पृथ्वी की कक्षा में एक सैटेलाइट को स्थापित करेगा। Vikram-1 के स्टेज-2 को कलाम-250 (Kalam-250) नाम दिया गया है। आइए जानते हैं इसके बारे में सभी खास बातें।
Kalam-250 एक हाई स्ट्रेंथ कार्बन कम्पोजिट मोटर है जो रॉकेट को पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर स्पेस में वैक्यूम के अंदर धकेल देगी। कंपनी के अनुसार, कलाम-250 का टेस्ट फायर
ISRO के प्रोपल्शन टेस्ट बेड पर किया गया जो कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर में मौजूद है। टेस्ट फायर 85 सेकेंड तक चला और इसने 186 किलोन्यूटन (kN) का समुद्र स्तर जोर (sea-level thrust) हासिल किया। लेकिन यही थ्रस्ट जब हवा में मापा जाएगा तो 235 किलोन्यूटन का होगा। यानी कलाम-250 में कंपनी ने 235kN का वैक्यूम थ्रस्ट टेस्ट कर लिया है।
भारत की स्पेस क्षेत्र में उन्नति के लिए यह टेस्ट बहुत अहम माना जा रहा है। क्योंकि यह देश का पहला कार्बन कम्पोजिट मोटर है जो ISRO में टेस्ट किया गया है, और यह प्राइवेट सेक्टर द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया सबसे बड़ा प्रोपल्शन सिस्टम है। हैदराबाद आधारित Skyroot Aerospace के को-फाउंडर और CEO पवन चंदाना ने कंपनी की कामयाबी के बारे में बात करते हुए टेस्ट फायर के सफल होने के महत्व का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि टेस्ट पैरामीटर वांछित बाउंड्स के अंदर ही हैं, और यह कामयाबी उन्हें विक्रम-1 रॉकेट के लॉन्च के एक कदम और नजदीक ले जाती है। Kalam-250 एक हाई स्ट्रेंथ कार्बन कम्पोजिट रॉकेट मोटर है जो एक ठोस ईंधन और हाई परफॉर्मेंस ईथाईलीन-प्रोपीलीन-डायनीटरपोलिमर (EPDM) थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (TPS) का इस्तेमाल करती है। स्टेज-2 में एक कार्बन फ्लेक्स नोजल है जिसके साथ में सटीक इलेक्ट्रो-मकेनिकल एक्चुएटर हैं। ये व्हीकल के थ्रस्ट वेक्टर को कंट्रोल करते हैं। इसकी मदद से रॉकेट वांछित ट्रेजेक्टरी तक पहुंच पाता है।
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