• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Pushpak Viman Launch: स्वदेशी स्पेस शटल 'पुष्पक' का सफल लॉन्च, ISRO की रीयूजेबल रॉकेट में बड़ी कामयाबी

Pushpak Viman Launch: स्वदेशी स्पेस शटल 'पुष्पक' का सफल लॉन्च, ISRO की रीयूजेबल रॉकेट में बड़ी कामयाबी

स्वदेशी स्पेस शटल 'पुष्पक' (Pushpak) विमान की उड़ान सफल साबित हुई है।

Pushpak Viman Launch: स्वदेशी स्पेस शटल 'पुष्पक' का सफल लॉन्च, ISRO की रीयूजेबल रॉकेट में बड़ी कामयाबी

Photo Credit: ISRO

स्वदेशी स्पेस शटल 'पुष्पक' (Pushpak) विमान की उड़ान सफल साबित हुई है।

ख़ास बातें
  • पुष्पक रीयूजेबल रॉकेट सेग्मेंट में मील का पत्थर साबित होने वाला है।
  • इसके अप्रोच और हाई स्पीड लैंडिंग का टेस्ट किया गया।
  • हेलिकॉप्टर चिनूक के माध्यम से हवा में 4.5 km ऊंचाई से छोड़ा गया।
विज्ञापन
स्वदेशी स्पेस शटल 'पुष्पक' (Pushpak) विमान की उड़ान सफल साबित हुई है। ISRO ने फिर से कमाल कर दिखाया है। पुष्पक विमान भारत के रीयूजेबल रॉकेट सेग्मेंट में बड़ी सफलता है। इसरो ने इसकी सफल उड़ान की खबर दी है। कर्नाटक में एक रनवे से इसे आर्मी हेलिकॉप्टर के जरिए उड़ाया गया। विमान को आसमान में 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाकर छोड़ दिया गया। 

पुष्पक में पंखों का इस्तेमाल किया गया है। जब हेलिकॉप्टर से इसे छोड़ दिया गया तो यह रनवे पर खुद ही लौट आया। इसरो के लिए यह बड़ी सफलता है। टेस्ट फ्लाइट सफल होने के बाद इसरो चीफ एस सोमनाथ ने जानकारी देते हुए कहा कि रिजल्ट एकदम सटीक और बेहतरीन आया है। पुष्पक रीयूजेबल रॉकेट सेग्मेंट में मील का पत्थर साबित होने वाला है। Pushpak (RLV-TD) मिशन के बारे में ISRO ने बताया कि स्पेस से रॉकेट के सही सलामत लौटने में कामयाबी मिली है। इसमें अप्रोच और हाई स्पीड लैंडिंग का टेस्ट किया गया। 

Pushpak को भारतीय एयर फोर्स के हेलिकॉप्टर चिनूक के माध्यम से हवा में 4.5 किलोमीटर ऊंचाई पर ले जाया गया। इसे रनवे से 4 किलोमीटर दूर छोड़ गया था। लेकिन पुष्पक खुद ही अपनी सटीक जगह पर लौट आया। यह रनवे पर सटीक जगह पर आकर एक हॉल्ट पर रुक गया जिसके लिए इसने अपने ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक का भी इस्तेमाल किया। 

पुष्पक की यह तीसरी टेस्ट फ्लाइट थी जो कि विषम परिस्थितियों में इसकी रोबोटिक लैंडिंग को लेकर की गई थी। कहा जा रहा है कि पुष्पक को पूरी तरह से काम में लाने में अभी कई सालों का वक्त लग सकता है। पुष्पक का सफल टेस्ट इस बात की पुष्टि करता है कि भविष्य में स्पेश मिशनों में लागत काफी कम हो जाएगी। रॉकेट को बार बार इस्तेमाल में लाया जा सकेगा जिससे कि खर्चा काफी हद तक कम हो जाएगा। इसकी पहली एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 2016 में हुई थी। इसने बंगाल की खाड़ी में एक वर्चुअल रनवे पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। इसके बाद यह योजना के तहत समुद्र में डूब गया था। इसका दूसरा टेस्ट पिछले वर्ष 2 अप्रैल को चित्रदुर्ग एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज पर हुआ था।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Google Maps ने दिया धोखा! अधूरे पुल पर नदी में जा गिरी कार
  2. सस्ता टैबलेट Teclast M50 Mini लॉन्च हुआ 8.7 इंच डिस्प्ले, 13MP डुअल कैमरा के साथ, जानें कीमत
  3. Ola ने स्कूटर सर्विस के लिए थमा दिया Rs 90 हजार का बिल, गुस्साए कस्टमर ने किया वो कि लोग देखते रह गए!
  4. Samsung Galaxy Z Flip FE, Z Flip7 के प्रोसेसर का खुलासा, मिलेगा बड़ा अपग्रेड!
  5. ISRO रचेगी इतिहास! यूरोपियन स्पेस एजेंसी के साथ लॉन्च करेगी Proba-3 मिशन, जानें क्यों है इतना खास?
  6. Realme Note 60x फोन 5000mAh बैटरी, 32MP कैमरा के साथ जल्द होगा लॉन्च, यहां आया नजर
  7. Oppo Reno 13 सीरीज 16GB रैम, 1TB स्टोरेज के साथ कल होने जा रही लॉन्च, देखें कलर वेरिएंट्स की झलक
  8. iPhone 15 Pro Max हो गया Rs 44 हजार तक सस्ता! चूक न जाए Amazon का यह धांसू ऑफर
  9. 4.1 अरब साल पहले मंगल पर था गर्म पानी! नई खोज में छुपा है 'मंगल पर जीवन' का राज?
  10. Realme GT Neo 7 फोन में मिलेगी 1.5K डिस्प्ले, 7000mAh की धांसू बैटरी! डिटेल्स लीक
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »