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New Study : वैज्ञानिकों ने तारे को ब्‍लैक होल में फेंका! क्‍या Black Hole उसे खा पाया? जानें

New Study : ऐसा करना लैब में भी मुमकिन नहीं है, इसलिए साइंटिस्‍टों की टीम ने एडवांस्‍ड सुपरकंप्‍यूटर मॉडलिंग का इस्‍तेमाल किया।

New Study : वैज्ञानिकों ने तारे को ब्‍लैक होल में फेंका! क्‍या Black Hole उसे खा पाया? जानें

जब कोई तारा किसी विशाल ब्‍लैक होल के करीब पहुंच जाता है, तब Tidal disruption events (TDEs) नाम की घटनाएं होती हैं।

ख़ास बातें
  • वैज्ञानिकों की टीम ने की एक स्‍टडी
  • एडवांस्‍ड सुपरकंप्‍यूटर मॉडलिंग का इस्‍तेमाल
  • एक तारे को ब्‍लैक होल पर फेंककर देखा
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New Study :  किसी तारे को ब्‍लैक होल में फेंकना भौतिक रूप से संभव नहीं है। अगर ऐसा हो पाता, तो उसका क्‍या नतीजा होता, इस सवाल का जवाब वैज्ञानिकों ने तलाशने की कोशिश की है। क्‍योंकि ऐसा करना लैब में भी मुमकिन नहीं है, इसलिए साइंटिस्‍टों की टीम ने एडवांस्‍ड सुपरकंप्‍यूटर मॉडलिंग का इस्‍तेमाल किया। जब कोई तारा किसी विशाल ब्‍लैक होल के करीब पहुंच जाता है, तब Tidal disruption events (TDEs) नाम की घटनाएं होती हैं। इस दौरान ब्‍लैक होल या तारे का क्‍या हाल होता है, इस सवाल का जवाब कंप्‍यूटर सिम्‍युलेशन से ढूंढा गया। 

मोनाश यूनिवर्सिटी (Monash University) के रिसर्चर्स को शुरुआती जानकारी में पता चला है कि विशालकाय ब्‍लैक होल के लिए तारे को निगलना आसान नहीं होता। ऐसा करने पर चीजें गड़बड़ भी हो जाती हैं।  

रिसर्चर्स की टीम को लीड करने वाले डेनियल प्राइस से स्‍पेसडॉटकॉम ने बात की है। रिपोर्ट के अनुसार, ब्‍लैक होल के लिए तारे के बराबर द्रव्‍यमान वाली बड़ी चीजें खाना बहुत मुश्किल होता है। रिसर्चर्स को पता चला कि अगर किसी तारे को ब्‍लैक होल पर फेंका जाए तो तारे का कुछ हिस्‍सा ब्‍लैक होल में नहीं जाता है। वह एक हिंसक आउटफ्लो के रूप में वापस आता है। तब उससे निकलने वाला उत्‍सर्जन बहुत अधिक दूरी तक अपना असर दिखा सकता है।  

रिसर्चर्स ने पाया इतने बड़े पदार्थ के ब्‍लैक होल पर फेंके जाने से उस पर प्रेशर भी पड़ता है। हालांकि वैज्ञानिक इस तथ्‍य को पहले से जानते थे पर डेनियल व उनकी टीम ने इसे प्रयोग करके दिखाया है। 

रिसर्चर्स का कहना है कि ऐसे वाकये हर एक लाख साल में एक बार होते हैं और एक तारा किसी अन्‍य तारे से टकराकर आकाशगंगा के केंद्र में स्थित ब्‍लैक होल से बंधकर उसकी ओर गिर जाता है। 

रिसर्चर्स ने अपनी स्‍टडी एक कंप्‍यूटर पर की, इसलिए TDEs के सभी पहलुओं को सटीकता से समझ पाना मुमकिन नहीं था। उनका मानना है कि यह स्‍टडी ऐसे तारों पर नई जानकारी दे सकती है जो किसी विशालकाय ब्‍लैक होल के आसपास हैं और उससे टकराने वाले हैं।
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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