Planets Colliding : ब्रह्मांड को टटोल रहे हमारे वैज्ञानिक तब हैरान रह गए, जब उन्हें दो विशाल ग्रहाें की टक्कर के बारे में पता चला। ग्रहों के टकराने से कितना विनाश हो सकता है, इसकी कल्पना ही की जा सकती है। दो ग्रहों की टक्कर एक नए ग्रह को जन्म दे सकती है। मौजूदा मामले में हमारे सौर मंडल से बहुत दूर यह टक्कर हुई है और पहली बार वैज्ञानिकों ने ग्रहों के टकराने की ‘आफ्टरग्लो' (afterglow) को देखा है। इसका मतलब है कि टक्कर के बाद जो हालात पैदा हुए, उसे वैज्ञानिकों ने देखा।
स्टडी में कहा गया है कि दोनों ग्रह सूर्य जैसे तारे के पास टकराए, जिससे वहां गर्मी, रोशनी और धूल का गुबार पैदा हो रहा है। वैज्ञानिक इस टक्कर को इसलिए देख पाए, क्योंकि उससे जो धूल निकली वह ग्रहों के मूल तारे के पास पहुंच गई और पृथ्वी से वह तारा धुंधला दिखाई देने लगा।
वैज्ञानिकों को जैसे ही तारे के धुंधला दिखने की जानकारी मिली, उन्होंने दूरबीन की मदद ली। रिसर्च का हिस्सा रहे लीडेन यूनिवर्सिटी के डॉ. मैथ्यू केनवर्थी ने कहा कि यह ऑब्जर्वेशन उनके लिए पूरी तरह से हैरान करने वाला था।
उन्होंने बताया कि तारे से जुड़ी जानकारी अन्य खगोलविदों के साथ शेयर की गई और फिर दूरबीनों की मदद से वहां करीब से देखा गया। यह स्टडी नेचर जर्नल में पब्लिश हुई है। तारे का नाम ASASSN-21qj है। रिसर्चर्स ने 2 साल तक तारे को स्टडी किया। उसकी चमक में हो रहे बदलावों को देखा। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि तारे की चमक में बदलाव की वजह दो विशाल बर्फीले ग्रहों की टक्कर थी।
इस तरह के ग्रहों में हाइड्रोजन, हीलियम के अलावा कार्बन, नाइट्रोजन और सल्फर जैसे एलिमेंट्स मौजूद होते हैं। वैज्ञानिकों ने जो कैलकुलेशन किया, उसके अनुसार उन्हें लगता है कि वो दो ग्रहों की टक्कर ही थी, जिसने तारे की चमक में बदलाव किया। स्टडी में बताया गया है कि ग्रहों की टक्कर के करीब 3 साल बाद उनकी धूल अपने तारे के सामने पहुंची थी, जिसने उसकी रोशनी को धुंधला कर दिया।