• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • वैज्ञानिकों को मिले 9 मीटर लंबी ‘छिपकली’ के जीवाश्‍म, 6.6 करोड़ साल पुराना सच आया सामने! जानें

वैज्ञानिकों को मिले 9 मीटर लंबी ‘छिपकली’ के जीवाश्‍म, 6.6 करोड़ साल पुराना सच आया सामने! जानें

रिसर्चर्स ने थालासोटिटन एट्रोक्स (Thalassotitan atrox) नाम के मोसासौर की एक नई प्रजाति के जीवाश्म की खोज की है।

वैज्ञानिकों को मिले 9 मीटर लंबी ‘छिपकली’ के जीवाश्‍म, 6.6 करोड़ साल पुराना सच आया सामने! जानें

Photo Credit: University of Bath

मोरक्को (Morocco) के कैसाब्लांका शहर के बाहर जीवाश्म का पता चला था।

ख़ास बातें
  • मोसासौर विशाल समुद्री छिपकलियों की तरह थे
  • इनकी लंबाई 12 मीटर तक हो सकती थी
  • वह मॉडर्न ‘मॉनिटर’ छिपकली और ‘इगुआना’ के परिवार से ताल्‍लुक रखते थे
विज्ञापन
लगभग 6.6 करोड़ साल पहले जब धरती पर डायनासोर का दबदबा था, महासागरों में भी विशाल समुद्री जीव ‘शासन' कर रहे थे। इन्‍हें मोसासौर (mosasaurs) कहा जाता था। अब रिसर्चर्स ने थालासोटिटन एट्रोक्स (Thalassotitan atrox) नाम के मोसासौर की एक नई प्रजाति के जीवाश्म की खोज की है। मोसासौर विशाल समुद्री छिपकलियों की तरह थे, जिनकी लंबाई 12 मीटर तक हो सकती थी। वह मॉडर्न ‘मॉनिटर' छिपकली और ‘इगुआना' के परिवार से ताल्‍लुक रखते थे और कोमोडो ड्रैगन के जैसे दिखते थे। हालांकि वो समुद्री जीव थे, पर मोसासौर के पास शार्क जैसे पंख नहीं थे। उनके पास फ्लिपर्स थे। क्रेटेशियस पीरियड के 2.5 करोड़ साल में ये सरीसृप बड़े और ज्‍यादा स्‍पेशलाइज्‍ड होने के लिए डेवलप हुए, वहीं इनकी कुछ प्रजातियां छोटी मछलियों का भोजन करने के लिए अलग हो गईं। कहा जाता है कि थैलासोटिटन एट्रोक्स ने लंबे वक्‍त तक समुद्रों पर राज किया।

रिपोर्ट के अनुसार, मोरक्को (Morocco) के कैसाब्लांका शहर के बाहर जीवाश्म का पता चला था। रिसर्चर्स के अनुसार, थैलासोटिटन की लंबाई लगभग 9 मीटर थी, जबकि इसकी खोपड़ी 1.4 मीटर लंबी थी। ज्‍यादातर मोसासौरों के लंबे जबड़े और पतले दांत होते थे जो छोटी मछलियों को पकड़ने में प्रभावी थे, लेकिन थैलासोटिटन में एक छोटा, चौड़ा थूथन (muzzle) और बड़े दांत भी थे, शायद इसी से उन्‍हें शिकार करने में मदद मिलती होगी।  

रिसर्चर्स के अनुसार, इन फीचर्स से पता चलता है कि थालासोटिटन एक शानदार शिकारी था और फूड चेन में सबसे ऊपर था। उसके पास व्हेल और सफेद शार्क के जैसा इकोलॉजिकल आवास था। थलसोटिटन के दांतों की टूटी हुई और खराब हो चुकी स्थिति ने सुझाव दिया कि वह मछलियों का शिकार नहीं करता था, लेकिन बाकी समुद्री सरीसृपों को खत्‍म करने में इन्‍हें इस्‍तेमाल करता था। 

क्रेटेशियस रिसर्च में प्रकाशित स्‍टडी में कहा गया है कि थलासोटिटन एक अद्भुत, भयानक जानवर था। वैज्ञानिकों को जिस जगह से जीवाश्‍म मिला है, वहीं से कुछ और जीवाश्‍म भी मिले हैं। लेकिन यह काफी क्षतिग्रस्‍त स्थि‍ति में हैं। रिसर्चर्स के अनुसार वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि बाकी मसासौरों को किसने खाया, लेकिन उनके पास बड़े शिकारियों द्वारा मारे गए समुद्री सरीसृपों की हड्डियां हैं। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Lava Agni 4 में मिल सकती है 5,000mAh की बैटरी, जल्द होगा लॉन्च
  2. Huawei ने छोटे से ईयरबड्स में फिट किया हाई क्वालिटी साउंड, लॉन्च किए FreeBuds Pro 5
  3. Numeros Motors ने लॉन्च किया इलेक्ट्रिक स्कूटर n-First, जानें प्राइस, रेंज
  4. बिलिनेयर Elon Musk को मिलेगी 1 लाख करोड़ डॉलर की सैलरी, Tesla के शेयरहोल्डर्स ने दी मंजूरी
  5. Realme C85 5G जल्द होगा भारत में पेश, लॉन्च टाइमलाइन का हुआ खुलासा, जानें सबकुछ
  6. Oppo Find X9 सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, 7,000mAh से ज्यादा की बैटरी
  7. स्मार्टफोन खो गया? UPI आईडी को तुरंत कर दें ब्लॉक, सबसे आसान तरीका
  8. Honor 500 Pro फोन 8000mAh बैटरी और 200MP कैमरा के जल्द होगा लॉन्च! लीक हुए स्पेसिफिकेशन्स
  9. 3000 रुपये सस्ता मिल रहा Poco का 50MP कैमरा, 7550mAh बैटरी वाला स्मार्टफोन, जानें ऑफर
  10. Poco F8 Pro में नहीं मिलेगा चार्जर! लेकिन Bose साउंड फीचर से होगा लैस
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »