वैज्ञानिकों ने पता लगाया दूर के ग्रहों पर धूल के बादल कैसे बनते हैं!

स्पिजर टेलीस्कोप ने ब्राउन ड्वार्फ्स के वातावरण में सिलिका के बादलों को देखा है। हालांकि, इसका प्रमाण बहुत अधिक ठोस नहीं है।

वैज्ञानिकों ने पता लगाया दूर के ग्रहों पर धूल के बादल कैसे बनते हैं!

घटक के भाप बनने का सिद्धांत सिलिका के बादल बनने में भी इस्तेमाल होता है

ख़ास बातें
  • चट्टान को भाप बनने के लिए बहुत ज्यादा तापमान चाहिए होता है
  • इसलिए ऐसे बादल केवल ब्राउन ड्वार्फ्स पर ही पाए जा सकते हैं
  • नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने ऐसी ही 100 के लगभग खोजों को एक साथ रखा
विज्ञापन
धरती के वातावरण में तैरने वाले बादल पानी के भाप बनने से बनते हैं। यहां के बादलों का बनना दूसरे ग्रहों से काफी अलग है। वैज्ञानिकों ने इतना तो पता लगा लिया था कि कुछ ग्रहों के बादल सिलिकेट के बने हुए हैं लेकिन वो किन परिस्थितियों में बने हैं, इसका पता अभी तक नहीं लग पाया था। अब, एक नई स्टडी में पता चला है कि धूल से बने बादलों में भी एक समान कारक काम करता है। वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने नासा के रिटायर हो चुके टेलीस्कोप Spitzer Space Telescope द्वारा देखे गए ब्राउन ड्वार्फ्स (Brown dwarfs) को ऑब्जर्व करके एक स्टडी तैयार की है। ये ऐसे खगोलीय पिंड होते हैं जो ग्रह से तो बड़े होते हैं लेकिन तारे से छोटे होते हैं। 

वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और स्टडी के को-ऑथर स्टेनिमिर मेचिव ने कहा कि ब्राउन ड्वार्फ्स और उन सिलिकेट बादलों वाले ग्रहों के वातावरण को समझने के माध्यम से हम पृथ्वी के आकार जितने बाकी ग्रहों के वातावरण को भी समझ सकते हैं। बादल बनने की प्रक्रिया सब जगह एक जैसी रहती है, जिसमें मुख्य घटक गर्म होता है और भाप बनता है। एक बार जब घटक- चाहे वह पानी हो, नमक हो, सल्फर हो या अमोनिया हो, वातावरण में कैद हो जाता है और ठंडा होने लगता है तो बादल बनते हैं। 

यह सिद्धांत सिलिका के बादल बनने में भी इस्तेमाल होता है, चूंकि चट्टान को भाप बनने के लिए बहुत ज्यादा तापमान चाहिए होता है, इसलिए ऐसे बादल केवल ब्राउन ड्वार्फ्स जैसे खगोलीय पिंडों पर ही पाए जा सकते हैं, जो बहुत ज्यादा गर्म होते हैं। शोधकर्ताओं ने ब्राउन ड्वार्फ्स को अपनी स्टडी में शामिल किया है, क्योंकि इनमें से बहुत में गैसीय वातावरण पाया जाता है जैसा कि बृहस्पति का वातावरण है। 

स्पिजर टेलीस्कोप ने ब्राउन ड्वार्फ्स के वातावरण में सिलिका के बादलों को देखा है। हालांकि, इसका प्रमाण बहुत अधिक ठोस नहीं है। नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने ऐसी ही 100 के लगभग खोजों को एक साथ रखा और उन्हें ब्राउन ड्वार्फ्स के अलग अलग तापमान के हिसाब से ग्रुप में बांट दिया। इसकी मदद से वह उस लक्षण और तापमान तक पहुंच पाए जिनसे सिलिका के बादल बनते हैं। 

स्टडी के लीड ऑथर जिनेरो सुआरेज ने कहा कि सिलिका के बादलों वाले ब्राउन ड्वार्फ्स को खोजने के लिए उन्होंने Spitzer के डेटा को खंगाला, और उन्हें ये बिल्कुल नहीं पता था कि उन्हें इसमें क्या मिलने वाला है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Brown Dwarfs, Spitzer Space Telescope, NASA
गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung के Galaxy Z Flip FE में हो सकता है Exynos 2400 चिपसेट
  2. मलेशिया में गैर कानूनी क्रिप्टो माइनिंग से इलेक्ट्रिसिटी की चोरी 300 प्रतिशत बढ़ी
  3. Apple के iPhone की 20वीं एनिवर्सरी पर पेश हो सकता है फोल्डेबल iPhone, स्मार्ट ग्लासेज
  4. Mercedes-AMG ला रही है लगभग 1000 bhp वाली सुपर EV, टीजर में दिखा दमदार लुक
  5. iPhone फैंस के लिए बुरी खबर! बढ़ सकते हैं दाम, वजह ट्रंप टैरिफ नहीं, बल्कि कुछ और...
  6. Honor 400 सीरीज में मिलेगा मजेदार AI फीचर, फोटो बन जाएगा वीडियो!
  7. Vivo का V50 Elite Edition जल्द होगा भारत में लॉन्च, मिल सकता है सर्कुलर कैमरा मॉड्यूल
  8. Airtel Black ने 399 रुपये वाले प्लान में किया बदलाव, IPTV सर्विस के साथ मौजूदा ब्रॉडबैंड और DTH लाभ मिलेंगे
  9. BenQ ने भारत में लॉन्च किए 2 प्रीमियम Android TV-पावर्ड प्रोजेक्टर, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
  10. Truecaller ने बेहतर SMS मैनेजमेंट के लिए AI बेस्ड मैसेज आईडी की पेश
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »