अंतरिक्ष में तेजी से बढ़ती सैटेलाइट की संख्या ने इससे जुड़े खतरों को लेकर लोगों के मन में कई सवाल पैदा किए हैं, जिनमें से एक का उत्तर अब मिल चुका है, जो शायद आपमें से कई लोगों को डरा सकता है। एक लेटेस्ट स्टडी से पता चलता है कि स्पेस लॉन्च से पृथ्वी की कक्षा में छोड़े गए रॉकेट के हिस्सों से अगले दशक में किसी इंसान को गंभीर रूप से घायल करने या मारने की 6 से 10 प्रतिशत संभावना है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकारों को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।
कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (UBC) के रिसर्चर्स का कहना (via
PTI) है कि जानकारी दी है कि सरकारों को सामूहिक कार्रवाई करने और यह आदेश जारी करने की आवश्यकता है कि रॉकेट के मलबों या हिस्सों को उनके उपयोग के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस निर्देशित किया जाए, जो लॉन्च की लागत में बढ़ोतरी कर सकता है, लेकिन संभावित रूप से जीवन बचा सकता है।
स्टडी में यूबीसी के राजनीति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर और प्रमुख लेखक माइकल बायर्स ने कहा, "क्या मानव जीवन के नुकसान को केवल व्यवसाय करने की लागत के रूप में मानने की अनुमति है, या यह कुछ ऐसा है, जिसे हमें जब हो सके तब बचाना चाहिए? और यह यहां महत्वपूर्ण पॉइन्ट है: हम इस जोखिम से रक्षा कर सकते हैं।"
रिसर्चर्स ने नोट किया कि जब सैटेलाइट जैसे ऑब्जेक्ट को अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाता है, तो वे रॉकेट का उपयोग करते हैं, जिसके कुछ हिस्सों को अक्सर पृथ्वी की कक्षा में छोड़ दिया जाता है।
बायर्स का मानना है कि यदि रॉकेट के बचे हुए इन हिस्सों की कक्षा काफी नीचे होती है, तो वे अनियंत्रित तरीके से वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर सकते हैं। अधिकांश हिस्से वातावरण में जल जाएंगे, लेकिन संभावित घातक टुकड़े जमीन की ओर गिर सकते हैं। नेचर एस्ट्रोनॉमी नाम की पत्रिका में प्रकाशित स्टडी ने एक पब्लिक सैटेलाइट सूची से 30 वर्षों से अधिक के आंकड़ों का विश्लेषण किया, और अगले 10 वर्षों में मानव जीवन के लिए संभावित जोखिम की गणना की।
एक्सपर्ट्स ने अनियंत्रित रॉकेट बॉडी री-एंट्री, उनकी कक्षाओं और मानव जनसंख्या डेटा के रेट पर भी नजर डाली। दो अलग-अलग तरीकों का उपयोग करते हुए, उन्होंने पाया कि मौजूदा प्रैक्टिस में अगले दशक में एक या एक से अधिक घटना होने की संभावना 6 से 10 प्रतिशत है, यदि प्रत्येक पुन: प्रवेश औसतन 10 मीटर वर्ग के क्षेत्र में खतरनाक मलबा फैलता है।
यह गणना जमीन पर लोगों को ध्यान में रखते हुए की गई है, जबकि बायर्स ने कहा कि हमें इसपर भी विचार करना चाहिए कि क्या होगा यदि मलबे का एक टुकड़ा उड़ान के दौरान एक हवाई जहाज से टकराता है?
यूबीसी के एक सहयोगी प्रोफेसर, अध्ययन के सह-लेखक आरोन बोले (Aaron Boley) ने कहा, "जोखिमों का अब तक प्रति-लॉन्च के आधार पर मूल्यांकन किया गया है, जिससे लोगों को यह एहसास होता है कि जोखिम इतना छोटा है कि इसे सुरक्षित रूप से नजरअंदाज किया जा सकता है। लेकिन लगातार होने वाली घटना का जोखिम इतना छोटा नहीं है।" उन्होंने आगे कहा "अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, और कोई सामूहिक घटना भी नहीं है, लेकिन क्या हम उस पल की प्रतीक्षा कर रहे हैं और फिर प्रतिक्रिया करेंगे, खासकर जब इसमें मानव जीवन शामिल होता है, या हमें इसके सामने आने की कोशिश करनी चाहिए?"