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900 फीट गहरा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ‘ब्‍लू होल’ मिला, यहीं गिरा था डायनासोरों का खात्‍मा करने वाला Asteroid! देखें तस्‍वीर

Blue Hole : रिपोर्टों के अनुसार, यह विशाल गुफा लगभग 900 फीट गहरी है, जो 147,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैली है।

900 फीट गहरा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ‘ब्‍लू होल’ मिला, यहीं गिरा था डायनासोरों का खात्‍मा करने वाला Asteroid! देखें तस्‍वीर

Photo Credit: Alcérreca-Huerta et al/Frontiers in Marine Science

Blue Hole : रिसर्चर्स ने पिछले साल सितंबर में इस ब्‍लू होल को खोजा था। हालांकि इसका डेटा रिलीज नहीं किया गया था।

ख़ास बातें
  • मैक्सिको में मिला दुनिया का दूसरा सबसे गहरा ब्‍लू होल
  • यह समुद्र में मौजूद गुफा नुमा स्‍ट्रक्‍चर होते हैं
  • माना जा रहा है कि यहींं पर करोड़ों साल पहले गिरा था एस्‍टरॉयड
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साल 2016 में मछुआरों और गोताखोरों ने दुनिया के सबसे गहरे ब्‍लू होल (blue hole) की खोज की थी। दक्षिण चीन सागर में स्थित इस ब्‍लू होल की गहराई 300.89 मीटर (987 फीट) आंकी गई थी। इसे ड्रैगन होल कहा जाता है। अब दुनिया के दूसरे सबसे गहरे ब्‍लू होल की खोज की गई है। इस ब्‍लू होल को मैक्सिको की चेतुमल खाड़ी (Chetumal Bay) में युकाटन प्रायद्वीप के तट पर खोजा गया है। रिपोर्टों के अनुसार, यह विशाल गुफा लगभग 900 फीट गहरी है, जो 147,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैली है।

लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्चर्स ने पिछले साल सितंबर में इस ब्‍लू होल को खोजा था। हालांकि इसका डेटा रिलीज नहीं किया गया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह गड्ढा या ब्‍लू होल, पृथ्‍वी पर एक एस्‍टरॉयड के टकराने से हुआ था। वही एस्‍टरॉयड जिसके कारण पृथ्‍वी पर ‘क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति घटना' हुई। माना जाता है कि 6.6 करोड़ साल पहले हुई इस घटना में पृथ्‍वी की तीन-चौथाई वनस्पतियां और जानवर हमेशा के लिए लुप्‍त हो गए। डायनासोर का भी खात्‍मा हो गया था। 

वैज्ञानिकों की नजर बीते कई वर्षों से इस जगह पर थी। स्‍कूबा ड्राइवर्स, पानी के नमूने, इको-साउंड सर्वे आदि की मदद से रिसर्चर्स ने पाया कि उसका सर्फेस एरिया 13,690 वर्ग मीटर है, जिसमें 80 डिग्री की खड़ी ढलान है। यह भी पता चला कि ब्‍लू होल का मुंह समुद्र तल से 5 मीटर नीचे है, जहां तापमान में उतार-चढ़ाव से पानी में काफी बदलाव आता है।

रिसर्च से जुड़ी स्‍टडी जर्नल फ्रंटियर्स इन मरीन साइंस में पब्लिश हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रिसर्चर्स अब इस ब्‍लू होल के पानी की माइक्रोबियल विविधता को स्‍टडी करना चाहते हैं। हो सकता है कि उन्‍हें अतीत में हुई घटनाओं के कुछ सुराग भी मिल जाएं। गौरतलब है कि करोड़ों साल पहले हमारी पृथ्‍वी पर डायनासोर पाए जाते थे। वैज्ञानिक मानते आए हैं कि एक एस्‍टरॉयड की टक्‍कर के बाद धरती पर जो विनाश हुआ, उसने पृथ्‍वी से इस भारी-भरकम प्रजाति का नामोनिशान मिटा दिया। 

ब्लू होल समुद्र के तल में मौजूद चूना-पत्थर की गुफाओं हैं। इनकी सतह दलदली लगती है, लेकिन उसके नीचे काफी कुछ छुपा हुआ हो सकता है। 

 

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