जब भी दो देश आमने-सामने होते हैं और परमाणु हथियारों से लैस होते हैं, तो एक-दूसरे को न्यूक्लियर हमले की धमकी देने से नहीं चूकते। पाकिस्तान को भारत के संदर्भ में हमने अक्सर ऐसा कहते हुए सुना है। रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) में भी कई बार परमाणु हमले की चेतावनी दी गई है। रूस की ओर से ब्रिटेन और अमेरिका को निशाना बनाने की बात कही जा चुकी है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि अगर वाकई परमाणु युद्ध (Nuclear war) होता है, तो इसका क्या असर होगा? कितना विनाश हो सकता है? कितने लोगों की मौत हो सकती है? एक नई स्टडी में यही आकलन किया गया है।
स्टडी से पता चला है कि अमेरिका, रूस और उनके सहयोगियों के बीच फुल-स्केल पर परमाणु युद्ध होने के बाद 5 अरब से ज्यादा लोग अकाल (famine) से मर जाएंगे। यह दुनिया की मौजूदा आबादी का लगभग 63% है।
रिसर्चर्स के
अनुसार, परमाणु युद्ध की वजह से बड़े पैमाने पर आग निकलेगी, जो पृथ्वी के वायुमंडल में 165 मिलियन टन (150 मिलियन मीट्रिक टन) तक राख निकाल सकता है। इसके चलते खाद्य-निर्यात करने वाले देश जैसे अमेरिका और रूस में फसलों के उत्पादन में गिरावट आएगी। इससे ग्लोबल कैलोरी प्रोडक्शन 90% तक घट जाएगा।
नेचर फूड पत्रिका में इस महीने पब्लिश हुई स्टडी बीते चार दशकों में सबसे लेटेस्ट है और परमाणु युद्ध को रोकने की एक कोशिश भी है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के लगभग 12,705 परमाणु हथियारों में से रूस के पास 5,977 और अमेरिका के पास 5,428 परमाणु हथियार हैं। 350 हथियारों के साथ चीन तीसरे नंबर पर है। भारत और पाकिस्तान के पास क्रमशः 160 और 165 न्यूक्लियर वेपन बताए जाते हैं।
न्यू जर्सी की रटगर्स यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट साइंस के प्रोफेसर और स्टडी के सह-लेखक एलन रोबॉक ने कहा है कि एक फुल-स्केल परमाणु युद्ध जलवायु परिवर्तन को बढ़ाएगा। स्टडी में दावा है कि अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध होने से वास्तव में युद्ध लड़ने वाले देशों की तुलना में अकेले भारत और पाकिस्तान में (अकाल से) से ज्यादा लोग मरेंगे।
भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध का क्या होगा असर
रिसर्चर्स ने अपने मॉडल में 6 संभावित परमाणु युद्ध परिदृश्यों से पैदा होने वाली कालिख या राख की मात्रा की गणना की। इनमें भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर ‘सीमित' युद्ध पर आधारित पांच परिदृश्य भी शामिल हैं। दावा है कि दोनों देशों के बीच उस संघर्ष से 5.5 मिलियन से 52 मिलियन टन (5 मिलियन से 47 मिलियन मीट्रिक टन) कालिख निकलेगी।
रिसर्चर्स का मानना है कि अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध की सबसे खराब स्थिति में पृथ्वी की सतह पर तापमान बहुत ज्यादा गिर जाएगा। भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध के चरम पर पहुंचने पर ग्लोबल कैलोरी प्रोडक्शन 50 फीसदी तक गिर सकता है, जिससे 2 अरब लोगों की मौत हो सकती है।