NASA ने SWOT सैटेलाइट के जरिए पृथ्वी पर ताजे पानी के स्रोत ढूढ़ने के लिए एक मिशन शुरू करने का फैसला लिया है। अब आप सोच रहे होंगे कि जब दुनिया 75 प्रतिशत पानी से बनी है, तो अमेरिकी एजेंसी को पानी क्यों के स्रोत ढूंढ़ने की जरूरत भला क्यों पड़ गई? बता दें कि भले ही दुनिया में पानी की कमी नहीं है, लेकिन ये पूरा पानी पीने योग्य नहीं है। इसका एक सीमित हिस्सा ही दैनिक जीवन में उपयोग और उपभोग किया जा सकता है। एजेंसी भविष्य में पानी की कमी होने पर पृथ्वी में मौजूद सभी नदियों की प्रणाली को लेकर सभी अहम जानकारियां व डेटा इकट्ठा करने की तैयारी कर चुकी है।
इन छिपे हुए स्रोतों की पहचान करने के लिए अमेरिकी एजेंसी ने फ्रांस की स्पेस एजेंसी Centre National d'Études Spatial (CNES) के साथ मिलकर एक जॉइंट मिशन शुरू किया है। इसके लिए दोनों एजेंसी एक सरफेस वाटर एंड ओशियन टोपोग्राफी (SWOT) सैटेलाइट पृथ्वी का मैप तैयार करेगी। NASA के अनुसार, यह सैटेलाइट पृथ्वी के वाटर साइकिल की बेहतर समझ प्रदान करेगी। इसके अलावा, सैटेलाइट जल संसाधनों के बेहतर मैनेजमेंट में भी सहायता करेगा। साथ ही यह इसपर भी गहराई प्रदान करेगी कि जलवायु परिवर्तन झीलों, नदियों और जलाशयों को कैसे प्रभावित करता है।
सैटेलाइट पृथ्वी की सतह पर जल निकायों की ऊंचाई को मापेगा। यह समुद्र में 100 किलोमीटर से कम की एडीज जैसी सुविधाओं को देखने का काम भी करेगा। नासा का कहना है कि SWOT पृथ्वी की 95 प्रतिशत से अधिक झीलों को 15 एकड़ से अधिक और 330 फीट से अधिक चौड़ी नदियों को भी मापेगा। अंतरिक्ष यान झील, नदी या जलाशय में पानी की ऊंचाई को मापने के साथ-साथ इनकी सीमा या सरफेस एरिया को भी मापेगा। यह महत्वपूर्ण जानकारी वैज्ञानिकों को यह गणना करने में सक्षम करेगी कि मीठे पानी के निकायों के माध्यम से कितना पानी चलता है।
SWOT के लिए नासा फ्रेशवाटर साइंस लीड टैमलिन पावेल्स्की ने एक बयान में कहा "वर्तमान डेटाबेस में दुनिया भर में कुछ हज़ार झीलों की जानकारी हो सकती है। SWOT उस संख्या को 2 मिलियन से 6 मिलियन के बीच धकेल देगा।"
NASA ने एक
ब्लॉग के जरिए बताया है कि अंतरिक्ष यान एक Ka-band Radar Interferometer (KaRIn) का उपयोग करेगा, जो पानी की सतह से रडार पल्स को उछालता है और एक ही समय में दो एंटेना के साथ वापसी संकेत प्राप्त करता है। रडार एक बार में ग्रह के लगभग 120 किलोमीटर-चौड़े क्षेत्र के बारे में जानकारी एकत्र करने में सक्षम होगा।
SWOT मिशन नवंबर में कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च होने वाला है।