Mars eclipse : पृथ्वी के अलावा वैज्ञानिकों की नजर किसी ग्रह पर सबसे ज्यादा है, तो वह है
मंगल। पिछले हफ्ते मंगल ग्रह से एक ऐसी तस्वीर आई, जो अमूमन वहां देखने को नहीं मिलती। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) ने लाल ग्रह के चंद्रमा ‘फोबोस' (Phobos) को सूर्य के सामने से गुजरते हुए
कैप्चर कर लिया। यानी वह मंगल ग्रह पर सूर्य ग्रहण वाली स्थिति थी। 8 फरवरी को ली गई तस्वीरों में आलू के आकार वाले फोबोस को सूर्य के सामने से निकलते हुए देखा जा सकता है। तस्वीर को मंगल ग्रह पर जेजेरो क्रेटर इलाके से लिया गया।
खास यह है कि नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी यानी JPL ने मंगल ग्रह पर सूर्य ग्रहण की करीब 68 इमेजेस हासिल कीं। इन तस्वीरों को पर्सवरेंस पर लगे मास्टकैम-जेड कैमरे की मदद से लिया गया। इस कैमरे का इस्तेमाल मंगल ग्रह की लैंडस्केप इमेजेस पाने के लिए किया जाता है।
स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, फोबोस की खोज साल 1877 में अमेरिकी खगोलशास्त्री आसफ हॉल ने की थी। यह एस्टरॉयड के साइज का चंद्रमा है, जो मंगल ग्रह की सतह से कुछ हजार किलोमीटर ऊपर उसकी परिक्रमा करता है। ऐसा कहा जाता है कि यह मंगल ग्रह पर ही टूटकर गिरता रहता है और लाल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण की वजह से एक दिन पूरा टूट जाएगा।
हालांकि मंगल ग्रह के पास एक ही चंद्रमा नहीं है। लेकिन इनका निर्माण कैसे हुआ, वैज्ञानिक आज तक नहीं जान पाए हैं। उन्हें ऐसा नहीं लगता कि ये चंद्रमा, एस्टरॉयड बेल्ट से आए होंगे। अभी तक कोई भी स्पेसक्राफ्ट फोबोस तक नहीं पहुंचा है। हालांकि कुछ ने इसके नजदीक से जरूर उड़ान भरी है। जापानी स्पेस एजेंसी जाक्सा (Jaxa) साल 2026 तक वहां एक मिशन भेजने की तैयारी में है।
मंगल ग्रह से जुड़ी अन्य प्रमुख खबरों की बात करें, तो हाल ही में पर्सवेरेंस का साथी और नासा का मार्स हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह की सतह से टकराकर क्रैश हो गया था और अब कभी काम नहीं कर पाएगा।