NASA के मून मिशन आर्टेमिस 1 में फिर देरी, इंजन के ‘ब्रेन’ में मिली गड़बड़ी

नासा ने कहा है कि वह मार्च और अप्रैल में इस मिशन को लॉन्च करने की संभावनाएं टटोल रही है। इसके साथ ही इंजन कंट्रोलर को बदलने पर भी काम चल रहा है।

NASA के मून मिशन आर्टेमिस 1 में फिर देरी, इंजन के ‘ब्रेन’ में मिली गड़बड़ी

आर्टेमिस प्रोग्राम का मकसद इस दशक के अंत तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर वापस उतारना है।

ख़ास बातें
  • इंजन के फ्लाइट कंट्रोलर्स में से एक में समस्या मिली है
  • इसी वजह से अब मिशन को कुछ वक्‍त टालना पड़ा है
  • नासा के इंजीनियर पूरी ताकत से मिशन पूरा करने में जुटे हैं
विज्ञापन
नासा NASA ने एक बार फ‍िर से अपने मून मिशन आर्टेमिस 1 (Artemis 1) के तय लॉन्‍च को एक महीने आगे बढ़ा दिया है। स्‍पेस एजेंसी ने 12 फरवरी 2022 को मिशन लॉन्‍च करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इं‍टीग्रेटेड टेस्टिंग प्रोग्राम में समस्‍या ने नासा को शेड्यूल में देरी करने के लिए मजबूर किया है। नासा ने कहा है कि अब वह मार्च और अप्रैल में मिशन लॉन्‍च करने की संभावना देख रही है। आर्टेमिस प्रोग्राम का मकसद इस दशक के अंत तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर वापस उतारना है। 

एक ब्लॉग पोस्ट में नासा ने कहा कि उसके इंजीनियरों ने इंजन के फ्लाइट कंट्रोलर्स में से एक में समस्या का पता लगाया है। नासा के मुताबिक, इंजीनियरों ने निरीक्षण करके समस्‍या को खत्‍म करने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार इंजन कंट्रोलर को बदलने का फैसला किया गया है। नासा ने कहा है कि वह मार्च और अप्रैल में इस मिशन को लॉन्च करने की संभावनाएं टटोल रही है। इसके साथ ही इंजन कंट्रोलर को बदलने पर भी काम चल रहा है। 

SLS रॉकेट में एक कोर बूस्टर और चार RS-25 इंजन होते हैं। हरेक में एक इंडिपेंडेंट फ्लाइट कंट्रोलर होता है, जिसे इंजन का "ब्रेन" भी कहा जाता है। इस "ब्रेन" में एक छोटी सी गड़बड़ी भी नासा के लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकती है। हालांकि इस स्‍पेस एजेंसी के इंजीनियर अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में लगातार SLS रॉकेट और ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट का परीक्षण कर रहे हैं।

सारे फाइनल टेस्‍ट पूरे होने के बाद रॉकेट इंजीनियर एक रिहर्सल करेंगे। इस दौरान लॉन्‍च से जुड़ी हर तैयारी को पूरा किया जाएगा। 

यह मिशन कई मायनों में खास होने वाला है। कॉमिक स्ट्रिप, 'पीनट्स' का मशहूर और दिल को छू लेने वाला कैरेक्‍टर 'स्‍नूपी' भी इस मिशन का हिस्‍सा होगा, यानी वो चंद्रमा पर जाएगा। इससे पहले 1969 में भी इस मानवरूपी बीगल यानी शिकारी को चंद्रमा के मिशन पर भेजा गया था और यह चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला दुनिया का पहला बीगल बना था। 

अब 60 साल बाद इतिहास खुद को दोहराएगा। इस बार यह काफी हद तक अलग होगा, क्‍योंकि यह स्‍टफ्ड स्‍नूपी, चंद्रमा के चारों ओर उड़कर, ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट पर जीरो ग्रैविटी इंडिकेटर के रूप में काम करेगा यह एक मानवरहित मिशन है, जिसमें स्‍नूपी की जिम्‍मेदारी काफी अहम होने वाली है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Sony ने की 20 अरब इमेज सेंसर्स की बिक्री, स्मार्टफोन कैमरा ने बढ़ाई डिमांड
  2. रोबोट समझेंगे आपके जज्बात! इस नई तकनीक से वैज्ञानिक कर रहे दावा
  3. 64MP कैमरा, 6050mAh बैटरी जैसे तगड़े फीचर्स वाला रग्ड फोन Ulefone Armor X31 Pro लॉन्च, जानें कीमत
  4. 16GB रैम, 6400mAh बैटरी वाले OnePlus Ace 5, Ace 5 Pro फोन के फुल स्पेसिफिकेशन लॉन्च से पहले लीक!
  5. BSNL लॉन्च करेगी eSIM, अगले वर्ष जून तक पूरे देश में होगा 4G नेटवर्क
  6. 'HR करेंगे बात ...' Ola सीईओ भाविश अग्रवाल का यह ईमेल सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, जानें वजह
  7. Realme 14x 5G vs Poco M7 Pro 5G: Rs 15 हजार में कौन सा है दमदार स्मार्टफोन? जानें
  8. WhatsApp New Year Stickers: नए साल 2025 के लिए Whatsapp में आए खास फीचर्स, ऐसे करें इस्तेमाल
  9. Maruti Suzuki की 500 Km रेंज वाली e Vitara इलेक्ट्रिक SUV का भारत में लॉन्च कंफर्म! जानें क्या होगा खास?
  10. गलती से iPhone मंदिर की दानपेटी में गिरा, वापस मांगा तो प्रशासन बोला- 'नहीं मिलेगा, अब यह भगवान का ...'
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »