अंतरिक्ष में उल्का पिंड लगातार चक्कर लगाते रहते हैं। जिस तरह से सौरमंडल के ग्रह अपने तारे यानि सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह ये उल्का पिंड या एस्ट्रॉयड भी सूरज की परिक्रमा करते रहते हैं। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि कुछ छोटे एस्ट्रॉयड कई बार किसी ग्रह के नजदीक आकर उसके गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में आ जाते हैं और उस ग्रह की ओर तेजी से बढ़ने लगते हैं। ये लगातार गोल घूमते उल्का पिंड या एस्टरॉयड, अंतरिक्ष एजेंसियों के अनुसार, धरती के चारों ओर मंडराता खतरा हैं। स्पेस एजेंसी NASA ने फिर से तीन बड़े एस्टरॉयड के धरती के करीब आने की सूचना जारी की है। इनमें से सबसे बड़ा एस्ट्रॉयड 99 फीट का है जो कि किसी बड़े एयरप्लेन के साइज का है। आइए जानते हैं पृथ्वी के नजदीक आने वाले इन एस्ट्रॉयड्स के बारे में।
स्पेस एजेंसी
NASA ने तीन
बड़े एस्टरॉयड के धरती के करीब आने की सूचना जारी की है। नासा की
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (Jet Propulsion Laboratory (JPL) के मुताबिक, इनमें से सबसे बड़ा एस्टरॉयड 2023 FY6 नाम का है। इसका साइज 99 फीट है जो कि किसी बड़े एयरप्लेन के जितना है। नासा ने कहा है कि यह आज धरती के करीब से गुजरने वाला है। जब यह पृथ्वी के सबसे पास होगा तो इसकी दूरी लगभग 3,830,000 किलोमीटर होगी। वहीं, दूसरा सबसे बड़ा एस्टरॉयड 2021 GN1 बताया गया है। इसका साइज 58 फीट है जो कि एक घर के जितना हो सकता है। यह भी आज पृथ्वी की ओर बढ़ता हुआ इसके नजदीक से गुजरेगा। इसकी दूसरी धरती से 6,790,000 किलोमीटर बताई गई है।
इन दोनों के अलावा एक और एस्टरॉयड आज धरती की ओर बढ़ रहा है। नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (Jet Propulsion Laboratory (JPL) के मुताबिक इसका नाम 2022 GO3 है। यह साइज में 47 फीट का बताया गया है जो कि एक घर के जितना बड़ा हो सकता है। जब यह धरती के सबसे करीब होगा तो इसकी दूरी यहां से सिर्फ 6,790,000 किलोमीटर रह जाएगी। ये सभी एस्टरॉयड आज, यानि 2 अप्रैल 2023 को धरती के पास से गुजरने वाले हैं।
एस्टरॉयड्स के बारे में कहा जाता है कि इनकी धरती से टकराने की संभावना बहुत कम होती है। लेकिन कई बार छोटे एस्टरॉयड अक्सर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं। इन्हें कई बार रात में जलते हुए तारों के रूप में देखा जाता है, क्योंकि वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद इनमें जबरदस्त घर्षण होता है और आग लग जाती है। इन्हें साधारण भाषा में टूटा हुआ तारा भी कह देते हैं, लेकिन ये
उल्का पिंडों के टुकड़े होते हैं जो धरती के गुरुत्वाकर्षण के कारण इसकी ओर खिंचे चले आते हैं। ऐेसे में अगर कोई बड़ा एस्टरॉयड धरती की ओर आकर्षित हो जाता है तो यह बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।