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NASA के Hubble टेलीस्कोप ने खोजी 39 करोड़ लाइट ईयर्स की दूरी पर मौजूद रहस्यमयी वस्तु

इसे शुरुआत में एक स्पाइरल गैलेक्सी माना गया था क्योंकि इसके चमकीले किनारे से तारों की दो बढ़ती हुई भुजाएं दिख रही थी

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NASA के Hubble टेलीस्कोप ने खोजी 39 करोड़ लाइट ईयर्स की दूरी पर मौजूद रहस्यमयी वस्तु

इसे Z 229-15 कहा जा रहा है और यह तारों के समूह Lyra में है

ख़ास बातें
  • यह पृथ्वी से लगभग 39 करोड़ लाइट ईयर्स दूर मौजूद है
  • इसे Z 229-15 कहा जा रहा है
  • यूरोपियन स्पेस एजेंसी का कहना है कि यह दिलचस्प खगोलीय वस्तुओं में से है
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Hubble टेलीस्कोप ने एक खगोलीय वस्तु की इमेज कैप्चर की हैं, जो पृथ्वी से लगभग 39 करोड़ लाइट ईयर्स दूर मौजूद है। इसे Z 229-15 कहा जा रहा है और यह तारों के समूह Lyra में है। यह शुरुआत में स्पाइरल गैलेक्सी के जैसे दिख रही थी क्योंकि इसके चमकीले किनारे से तारों की दो बढ़ती हुई भुजाएं दिख रही थी। 

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने एक स्टेटमेंट में कहा कि Z 229-15 दिलचस्प खगोलीय वस्तुओं में से एक है जो कई परिभाषाओं में फिट होती है। ESA ने बताया, "इस पर रिसर्च करने के बाद इसे कई विभिन्न परिभाषाओं के अनुसार पाया जा सकता है। यह एक सक्रिय गैलेक्टिस न्यूक्लियस (AGN), एक क्वासार या सेफर्ट गैलेक्सी हो सकती है।" इसके अलावा यह रहस्यमयी वस्तु इन परिभाषाओं में कुछ समानता होने के कारण इन सभी से जुड़ी हो सकती है। ESA का कहना है कि यह एक गैलेक्सी है जो गुरुत्वाकर्षण के कारण जुड़े तारे होते हैं। यह एक सक्रिय गैलेक्टिस न्यूक्लियस है जो एक गैलेक्सी के तारों से कहीं अधिक चमकीला होता है। 

स्टेटमेंट में कहा गया है, "इसमें अतिरिक्त चमक का कारण गैलेक्सी के किनारे पर एक सुपरमैसिव ब्लैक होल की मौजूदगी है। ब्लैक होल में जाने वाला मैटीरियल वास्तव में इसमें सीधा नहीं गिरता, बल्कि यह एक घूमने वाली डिस्क जैसे होता है, जहां से यह ब्लैक होल की तरफ जाता है। मैटीरियल की बनी यह डिस्क इतनी गर्म हो जाती है कि इससे बड़ी मात्रा में एनर्जी निकलती है जिससे बहुत अधिक चमक होती है।" 

इससे पहले NASA के James Webb Space Telescope ने  WR 124, एक दुर्लभ वोल्फ-मेयेट तारे में विस्फोट या सुपरनोवा होने की हैरान करने वाली इमेज ली है। यह तारा हमारे सूर्य से लगभग 30 गुना बढ़े आकार का है। इस तारे की बाहरी परतें निकलती दिख रही हैं। इससे बड़ी मात्रा में धूल और अन्य मैटीरियल निकला है जो चकाचौंध कर रहा है। किसी तारे में उसके साइकल के दौरान विस्फोट होने को सुपरनोवा कहा जाता है। NASA के अधिकारियों ने बताया था, "बड़े तारों में से कुछ ही सुपरनोवा होने से पहले ऐसे फेज में पहुंचते हैं। यह एस्ट्रोनॉमर्स के लिए अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने में काफी महत्वपूर्ण है।" बहुत बड़े आकार वाला यह तारा 15,000 लाइट ईयर्स दूर मौजूद है। 

 
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आकाश आनंद Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख और भी... ...और भी

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