Nasa को उम्‍मीद! इस दशक के अंत तक चांद पर रहने लगेगा इंसान, ऐसे होंगे घर

Nasa Moon : नासा के ओरियन लूनार स्‍पेसक्राफ्ट प्रोग्राम के प्रमुख हॉवर्ड हू ने कहा, हम चंद्रमा पर एक स्‍थायी कार्यक्रम की दिशा में काम कर रहे हैं।

Nasa को उम्‍मीद! इस दशक के अंत तक चांद पर रहने लगेगा इंसान, ऐसे होंगे घर

नासा चाहती है कि भविष्‍य में खगोलविद चंद्रमा पर कम से कम दो महीने रहें।

ख़ास बातें
  • स्‍थायी कार्यक्रम की दिशा में काम कर रही नासा
  • कम से कम दो महीने तक चांद पर रहेंगे साइंटिस्‍ट
  • चंद्रमा से जुड़ी खोजों में मिलेगी मदद
विज्ञापन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने संभावना जताई है कि इस दशक के अंत तक इंसान चंद्रमा पर लंबे समय के लिए रहने लगेगा। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, नासा के ओरियन लूनार स्‍पेसक्राफ्ट प्रोग्राम के प्रमुख हॉवर्ड हू ने कहा कि आर्टेमिस मिशन हमें एक स्थायी प्‍लेटफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन सिस्‍टम में सक्षम बनाता है। यह हमें सीखने की अनुमति देता है कि उस डीप स्‍पेस एनवायरनमेंट में कैसे काम किया जाए। गौरतलब है कि नासा ने हाल ही में आर्टिमिस 1 (Artemis 1) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्‍च किया है। यह मिशन सुनिश्चित करेगा कि भविष्‍य में कब और किस तरह से इंसान दोबारा चांद पर जा सकेगा। 

हॉवर्ड हू ने कहा कि हम चंद्रमा पर एक स्‍थायी कार्यक्रम की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्‍होंने ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट की ओर इशारा करते हुए कहा कि यही वह वीकल होगा जो इंसान को दोबारा चांद पर ले जाएगा। दूसरी ओर, ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट अपना सफर तय कर रहा है। यह अभी तक सटीक दिशा में आगे बढ़ रहा है। नासा के अनुसार, ओरियन ने 3 लाख 74 हजार 467 किलोमीटर की दूरी तय कर ली थी। रविवार तक यह चंद्रमा से 63 हजार 570 किलोमीटर दूर था। यह स्‍पेसक्राफ्ट लगभग 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहा है।

बात करें, चंद्रमा पर इंसान के रहने की, तो नासा चाहती है कि भविष्‍य में खगोलविद चंद्रमा पर कम से कम दो महीने रहें। लंबे समय तक चांद पर रहने और वहां खोज करने से वैज्ञानिक सफलताएं मिल सकती हैं। हालांकि सवाल यह है कि नासा इस लक्ष्‍य तक कैसे पहुंचेगी। 

वैज्ञानिकों की मानें, तो ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा। यह चंद्रमा पर ऐसी जगहों की तलाश करेगा, जहां इंसानों के रहने के लिए बेस बनाया जा सकता है। नासा चंद्रमा पर आर्टेमिस बेस कैंप बनाना चाहती है। इसमें एक मून केबिन और मोबाइल घर होगा। इसमें अंतरिक्ष यात्री 2 महीने बिता सकेंगे। चंद्रमा के बेस पर एक रोवर रहेगा, तो वैज्ञानिकों को चंद्रमा की सतह के बारे में जानकारी जुटाने में मदद करेगा।  

जहां तक बात चंद्रमा पर कंस्‍ट्रक्‍शन की है, तो यह चुनौतीपूर्ण काम होगा। हालांकि फ्लोरिडा सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्‍टडी में एक नए कंस्‍ट्रक्‍शन मटीरियल को डेवलप किया गया है। 3D प्रिंटिंग और और मटीरियल के इस्‍तेमाल से चांद पर कंस्‍ट्रक्‍शन को मुमकिन बनाया जा सकता है। हैरान करने वाली बात है कि नासा ने चांद पर कम्‍युनिकेशन स्‍थापित करने की भी योजना बनाई है, ठीक वैसे ही, जैसे हम पृथ्‍वी पर करते हैं। लेकिन यह कैसे मुमकिन होगा, अभी कहना मुश्किल है।  
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vodafone Idea ने कर दी मौज! Rs 3999 के इस पैक में 'डबल' हो गया डेटा, FREE बेनिफिट भी
  2. WhatsApp में आया एक और काम का फीचर! iOS यूजर्स के लिए ग्रुप चैट की बड़ी परेशानी खत्म
  3. Oppo Reno 15 Pro Mini लॉन्च होगा 200MP कैमरा, 80W फास्ट चार्जिंग के साथ! लॉन्च से पहले स्पेसिफिकेशंस लीक
  4. सस्ते स्मार्टफोन HMD Vibe 2 में होंगे 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी जैसे धांसू फीचर्स! लॉन्च से पहले खुलासा
  5. 10 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Redmi Note 14 Pro 5G, Amazon पर भारी डिस्काउंट
  6. Honor Magic V6 में हो सकती है 7,200mAh की बैटरी, 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा
  7. OnePlus 15T में मिल सकती है 7,000mAh से अधिक की बैटरी, जल्द लॉन्च की तैयारी
  8. एस्टरॉयड अलर्ट! नासा ने बताया, 220 फीट बड़े 4 एस्टरॉयड बढ़ रहे पृथ्वी की तरफ
  9. Samsung Galaxy S26 में होगा 320MP कैमरा सपोर्ट वाला चिपसेट, लॉन्च से पहले खुलासा
  10. WhatsApp यूजर्स सावधान! GhostPairing से हैक हो सकता है आपका अकाउंट, ऐसे करें बचाव
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »