Mursan and Hilsa : मंगल ग्रह पर यूपी और बिहार!

Mursan and Hilsa : IAU ने मंगल ग्रह पर खोजे गए क्रेटरों में से दो के नाम भारत के दो कस्‍बों के नाम पर रखने की मंजूरी दे दी है, जोकि यूपी-बिहार से आते हैं।

Mursan and Hilsa : मंगल ग्रह पर यूपी और बिहार!
ख़ास बातें
  • मंगल ग्रह पर रखे गए तीन क्रेटरों के नाम
  • 2 नाम यूपी-बिहार के कस्‍बों के नाम पर रखे
  • भारत की फ‍िजिकल रिसर्च लेबोरेटरी ने खोजे क्रेटर
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Mars 2 New Craters : कहते हैं भारत की राजनीति में वह पार्टी सबसे आगे रहती है, जिसका दबदबा यूपी-बिहार में होता है। देश के इन दो बड़े राज्‍यों का दम राजनीति से आगे साइंस और स्‍पेस में भी दिख रहा है! यहां के दो टाउन यानी कस्‍बों के नाम पर मंगल ग्रह के नए क्रेटरों के नाम रखे गए हैं। दरअसल, भारत की फ‍िजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL) ने मंगल ग्रह पर ऐसे तीन क्रेटर खोज निकाले, जिनके बारे में अबतक कोई जानकारी नहीं थी। स्‍पेस में जब भी कोई चीज खोजी जाती है तो सबसे पहले होता है उसका नामकरण, जिसका जिम्‍मा इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) के पास है। 

अब खोज भारत ने की, तो नाम भी भारत की पसंद वाले होने चाहिए। IAU ने मंगल ग्रह पर खोजे गए क्रेटरों में से दो के नाम भारत के दो कस्‍बों के नाम पर रखने की मंजूरी दे दी है, जोकि यूपी-बिहार से आते हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, मंगल ग्रह के थार्सिस ज्वालामुखी क्षेत्र (Tharsis volcanic region) में तीन क्रेटर को खोजा गया है। इनके नाम रखे गए हैं- लाल क्रेटर, मुरसान क्रेटर और हिल्सा क्रेटर। मुरसान नाम हाथरस जिले की नगर पंचायत मुरसान से मिलता है, जबकि हिल्‍सा एक सब डिविजन है जो बिहार के नालंदा जिले में है। तीसरा नाम जो लाल क्रेटर है, वह भारत के जानेमाने जियोफ‍िजिसिस्‍ट और PRL के पूर्व निदेशक प्रोफेसर देवेंद्र लाल को समर्पित है। मंगल ग्रह पर मिला लाल क्रेटर 65 किलोमीटर चौड़ा है।  

मुरसान क्रेटर की चौड़ाई 10 किलोमीटर है, जबकि हिल्‍सा क्रेटर भी 10 किलोमीटर चौड़ा है। सवाल उठता है कि यही दो नाम क्‍यों चुने गए, जबकि भारत में हजारों कस्‍बे हैं। मुरसान नाम चुनने की वजह PRL के मौजूद निदेशक डॉ. अनिल भारद्वाज हैं, जिनका जन्‍मस्‍थान मुरसान है। वहीं, हिल्‍सा डॉ. राजीव रंजन भारती का जन्मस्थान है। डॉक्‍टर राजीव उस टीम का हिस्‍सा थे, जिन्‍होंने मंगल ग्रह पर नए क्रेटरों की खोज की। 

रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिक नजरिए से यह खोज काफी अहम है। लाल क्रेटर का पूरा इलाका लावा से ढका हुआ है। बाकी दोनों क्रेटरों की भी अपनी विशेषताएं हैं। 
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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