• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • मंगल ग्रह से आई आखिरी तस्‍वीर! Nasa का इनसाइट लैंडर जल्‍द हो जाएगा ‘खत्‍म’, यह है वजह

मंगल ग्रह से आई आखिरी तस्‍वीर! Nasa का इनसाइट लैंडर जल्‍द हो जाएगा ‘खत्‍म’, यह है वजह

धूल ने इस लैंडर को सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया है। यह उसके पावर सोर्स को ढक रही है। लैंडर में लगे सोलर पैनल धूल के कारण ढक गए हैं, जिससे पावर जनरेट नहीं हो पा रही।

मंगल ग्रह से आई आखिरी तस्‍वीर! Nasa का इनसाइट लैंडर जल्‍द हो जाएगा ‘खत्‍म’, यह है वजह

नासा पहले ही बता चुकी है कि सौर ऊर्जा से चलने वाला इनसाइट लैंडर अब बहुत कम बिजली बना पा रहा है।

ख़ास बातें
  • धूल ने इस लैंडर को सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया है
  • यह उसके पावर सोर्स को ढक रही है
  • इस वजह से लैंडर को पर्याप्‍त बिजली नहीं मिल पा रही
विज्ञापन
करीब 4 साल से मंगल (Mars) ग्रह को टटोल रहे Nasa के इनसाइट (Insight) लैंडर को अलविदा कहने का समय आ गया है। ऐसा लगता है कि इनसाइट ने अपनी आखिरी इमेज को पृथ्‍वी पर भेज दिया है और अब यह रोवर ‘खत्‍म' हो जाएगा। यह तस्‍वीर भी उन सैकड़ों इमेजेस की तरह है, जिन्‍हें हाल के कुछ वर्षों में देखा गया है। इसमें उस भूकंपमापी (seismometer) को भी देखा जा सकता है, जो काफी वक्‍त से मंगल ग्रह पर आने वाले भूकंपों के बारे में जानकारी जुटा रहा है। हालांकि सबकुछ धूल के आगोश में सिमटा नजर आता है।  

नासा के अनुसार, धूल ने इस लैंडर को सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया है। यह उसके पावर सोर्स को ढक रही है। लैंडर में लगे सोलर पैनल धूल के कारण ढक गए हैं, जिससे पावर जनरेट नहीं हो पा रही। नासा पहले ही बता चुकी है कि सौर ऊर्जा से चलने वाला इनसाइट लैंडर अब बहुत कम बिजली बना पा रहा है। शुरू में लैंडर एक घंटे 40 मिनट के लिए इलेक्ट्रिक ओवन को बिजली देता था। अब यह वक्‍त घटकर 10 मिनट रह गया है। 
 

इनसाइट लैंडर में यह धूल नहीं होती, अगर इस प्रोजेक्‍ट की शुरुआत में इंजीनियरों ने इसमें एक बदलाव को जगह दी होती। लैंडर में वाइपर लगाए जा सकते थे, जैसे हम आमतौर पर गाड़‍ियों में देखते हैं, लेकिन इंजीनियर्स ने ऐसा ना करने का फैसला किया। इस वजह से लैंडर उस पर जमी धूल को नहीं हटा पा रहा है। 

हालांकि यह फैसला सोच समझकर लिया गया था। धूल हटाने वाले सिस्‍टमों को इनसाइट पर लगाने से उसका वजन बढ़ जाता और प्रोजेक्‍ट की कॉस्‍ट भी ज्‍यादा हो जाती। इंजीनियरों ने यह फैसला इसलिए भी लिया क्‍योंकि इनसाइट लैंडर एक छोटे वक्‍त का मिशन था, हालांकि इसने मंगल ग्रह पर करीब 4 साल काम किया है। 

यह मिशन भले ही अपने आखिरी पड़ाव पर है, लेकिन इसने धरती पर कई महत्‍वपूर्ण डेटा भेजे हैं। साल 2018 में मंगल ग्रह पर उतरने के बाद से इनसाइट लैंडर ने वहां 1,300 से अधिक भूकंपों को रिकॉर्ड किया है। इसने मंगल ग्रह पर आए अब तक के सबसे बड़े भूकंप को रिकॉर्ड किया था, जिसकी तीव्रता 5 मापी गई थी। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Nothing Phone (3a) के साथ Plus नहीं, Pro मॉडल होगा लॉन्च! लेटेस्ट अपडेट में खुलासा
  2. गूगल के वर्कर्स ने की जॉब सिक्योरिटी की डिमांड
  3. Samsung के Galaxy S25 Edge में मिल सकता है 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा
  4. Vivo V50 होगा 6000mAh बैटरी वाला सेगमेंट का सबसे पतला फोन! डिजाइन और स्पेसिफिकेशन्स लीक
  5. X Money: Elon Musk के X ने Visa से मिलाया हाथ, वॉलेट लोडिंग से मनी ट्रांसफर तक, सब कुछ होगा आसान!
  6. Instagram पर कंटेंट बनाने के लिए TikTok क्रिएटर्स को हर महीने मिल रहे हैं 3 लाख डॉलर! लीक हुआ कॉन्ट्रैक्ट
  7. Apple के कॉम्पैक्ट iPhone 16e की एक बार फिर लीक हुई फोटो, दिखाई दिया पुराने स्टाइल का बड़ा नॉच!
  8. भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू सकती है Elon Musk की स्टारलिंक
  9. iPhone अब यूएस में करेंगे स्टारलिंक सैटेलाइट सर्विस का सपोर्ट: रिपोर्ट
  10. BSNL की 5G सर्विस शुरू करने की तैयारी, दिल्ली सर्कल के लिए 3 कंपनियों ने दी बिड
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »