अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए जापान से एक हैरान करने वाली खबर आई, जब इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज नाम के एक जापानी स्टार्टअप ने अंतरिक्ष यात्रा के भविष्य को एक नया मोड़ देने की घोषणा की। इंटरस्टेलर ने होक्काइडो स्पेसपोर्ट में 10 शानदार सेकंड के लिए एक रॉकेट इंजन को सफलतापूर्वक चालू किया, जिसमें गाय के गोबर (जैविक उवर्रक) से प्राप्त मीथेन गैस का उपयोग किया गया था। इस टेस्ट के वीडियो ने रिलीज के साथ ही दुनियाभर में लोगों का ध्यान खींचने का काम किया और देखते ही देखते भारत में भी यह खबर फैल गई कि गाय के गोबर से रॉकेट उड़ाया जा सकता है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
यह दिलचस्प और सफल परीक्षण केवल एक मजेदार विज्ञान प्रयोग नहीं है, यह स्थायी अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक बहुत बड़ी छलांग साबित हो सकती है। कंपनी द्वारा बनाया रॉकेट अपने ईंधन के रूप में गाय के गोबर से प्राप्त मीथेन गैस का उपयोग करता है, जो इसे प्रचुर और टिकाऊ संसाधन द्वारा संचालित दुनिया का पहला कक्षीय रॉकेट बनाता है। स्टैटिक फायर टेस्ट ने 10 सेकंड के लिए इंजन को सफलतापूर्वक इगनाइट किया, जिससे एक शक्तिशाली नीली लौ पैदा हुई। यह उपलब्धि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के गोबर-ईंधन वाले रॉकेट इंजन के विकास के बाद हुई है, लेकिन इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज ऐसा करने वाली पहली निजी कंपनी है।
पारंपरिक रॉकेट ईंधन के विपरीत, जो बहुत बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों को बाहर निकालता है, गोबर ईंधन अधिक स्वच्छ रूप से जलता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रा के पर्यावरणीय प्रभाव में कमी आएगी। यह रॉकेट को खाद का रूप देने जैसा है।
गाय का गोबर प्रचुर मात्रा में और आसानी से उपलब्ध है, जो इसे पारंपरिक विकल्पों की तुलना में सस्ता और अधिक सुलभ ईंधन स्रोत बनाता है। यह तकनीक एक बेकार उत्पाद को एक मूल्यवान संसाधन में बदल देती है।
इंटरस्टेलर गाय के गोबर से चलने वाले रॉकेट में रुचि लेने वाला पहला नहीं है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी भी इस वैकल्पिक ईंधन की खोज कर रही है। लेकिन वे इंजन को सफलतापूर्वक चालू करने वाली पहली निजी कंपनी हैं, जिसने उन्हें इस क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है।
कंपनी की
रिलीज के अनुसार, स्टैटिक फायर टेस्ट की चल रही सीरीज 130kN-श्रेणी परिचालन मॉडल के विकास और निर्माण में प्रगति को बढ़ाने के लिए तैयार है।