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धरती से 400 Km ऊपर अंतरिक्ष में थे साइंटिस्‍ट, सामने दिखा जलता हुआ स्‍पेसक्राफ्ट, देखें तस्‍वीर

स्‍पेसक्राफ्ट अपने साथ ‘पुराने उपकरण’ और ‘घरेलू कचरा’ लेकर निकला था। स्‍पेस स्‍टेशन पर उनकी जरूरत नहीं रह गई थी।

धरती से 400 Km ऊपर अंतरिक्ष में थे साइंटिस्‍ट, सामने दिखा जलता हुआ स्‍पेसक्राफ्ट, देखें तस्‍वीर

आईएसएस से निकलने के ठीक 4 घंटे बाद नासा की अंतरिक्ष यात्री जैस्मीन मोघबेली (Jasmin Moghbeli) ने स्‍पेसक्राफ्ट को स्‍पॉट कर लिया।

ख़ास बातें
  • इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन से दिखा नजारा
  • कचरा लेकर निकला स्‍पेसक्राफ्ट जल उठा
  • एक अंतरिक्ष यात्री ने उसे कैमरे में किया कैद
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जमीन से 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्‍वी का चक्‍कर लगा रहे इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) से बुधवार को खास घटना दिखाई दी। आईएसएस से ‘कचरा' लेकर रवाना हुआ एक स्‍पेसक्राफ्ट कुछ घंटों बाद पृथ्‍वी के वायुमंडल में दाखिल होते ही जल उठा। आईएसएस पर सवार एक अंतरिक्ष यात्री ने इस ‘आतिशबाजी' को देख लिया। उन्‍होंने कुछ तस्‍वीरें भी खींचीं। स्‍पेसक्राफ्ट अपने साथ ‘पुराने उपकरण' और ‘घरेलू कचरा' लेकर निकला था। स्‍पेस स्‍टेशन पर उनकी जरूरत नहीं रह गई थी।  

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, जो स्‍पेसक्राफ्ट आईएसएस से रवाना हुआ, उसका नाम प्रोग्रेस एमएस-23 (Progress MS-23) था। यह रूस का कार्गो स्‍पेसक्राफ्ट था। आईएसएस से निकलने के ठीक 4 घंटे बाद नासा की अंतरिक्ष यात्री जैस्मीन मोघबेली (Jasmin Moghbeli) ने स्‍पेसक्राफ्ट को स्‍पॉट कर लिया। स्‍पेसक्राफ्ट, पृथ्‍वी के वायुमंडल में जल गया था, जिससे आईएसएस सवार अंतरिक्ष यात्री ने उसकी कुछ तस्‍वीर क्लिक कर लीं। 

मोघबेली ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर लिखा, मैंने जितना सोचा था, यह सब उससे कहीं ज्यादा तेजी से हुआ। सिर्फ 2-3 मिनट के लिए ही दिखाई दिया। इसने मुझे कुछ हद तक आतिशबाजी की याद दिला दी। 
 

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार स्‍पेसक्राफ्ट में मौजूद ज्‍यादातर चीजें पृथ्वी से ऊपर ही जलकर राख हो गईं, जबकि कुछ चीजें प्रशांत महासागर में चली गईं। आईएसएस पर यह कोई पहली घटना नहीं है। दोबारा इस्‍तेमाल ना हाे सकने वाले कार्गो को कई बार आईएसएस से भेजा जाता है। 

हालांकि स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) का ड्रैगन कैप्सूल एक रीयूजेबल स्‍पेसक्राफ्ट है, जिसे बार-बार इस्‍तेमाल में लाया जा सकता है। इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन कई देशों का जॉइंट प्रोजेक्‍ट है, जिसमें अमेरिका और रूस भी शामिल हैं। आईएसएस पर अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल हमेशा तैनात रहता है और विज्ञान से जुड़े प्रयोगों व दूसरे कामों को पूरा करता है। आईएसएस पूरी पृथ्‍वी का चक्‍कर लगाता है। यह जिन देशों के ऊपर से गुजरता है, उसकी जानकारी शेयर करता है।
 
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