ISRO लॉन्च करेगा अमेरिकी सैटेलाइट, स्पेस से फोन कॉल बन सकती है हकीकत

इसे आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा में ISRO के सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से स्पेस में भेजा जाएगा। पिछले दशक में भारत ने श्रीहरिकोटा से 397 विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च किया है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 2 जनवरी 2025 21:51 IST
ख़ास बातें
  • इस सैटेलाइट से स्पेस से सीधे फोन कॉल्स की जा सकेंगी
  • यह अमेरिका में टेक्सस की AST SpaceMobile का सैटेलाइट हो सकता है
  • आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से कई विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है

पिछले दशक में भारत ने आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से 397 विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च किया है

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की एक अमेरिकी कम्युनकेशंस सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी है। इस सैटेलाइट से स्पेस से सीधे फोन कॉल्स की जा सकेंगी। यह मौजूदा सैटेलाइट टेलीफोन सर्विसेज की तुलना में कम्युनिकेशन का एक अधिक इनोवेटिव और मॉडर्न तरीका होगा। 

यह पहली बार है कि जब एक अमेरिकी कंपनी एक भारतीय रॉकेट पर देश से एक बड़ा कम्युनिकेशंस सैटेलाइट लॉन्च कर रही है। साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर Jitendra Singh ने बताया, "हम फरवरी या मार्च में एक अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्च करेंगे। इस सैटेलाइट से मोबाइल फोन पर वॉयस कम्युनिकेशन हो सकेगा। यह एक दिलचस्प मिशन होगा।" भारत ने इससे पहले अमेरिकी कंपनियों के कम साइज वाले सैटेलाइट ही लॉन्च किए हैं। हालांकि, इस सैटेलाइट से जुड़ी अमेरिकी कंपनी का पता नहीं चला है। 

ऐसा बताया गया है कि यह अमेरिका में टेक्सस की AST SpaceMobile का सैटेलाइट है। इसे आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा में ISRO के सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से स्पेस में भेजा जाएगा। पिछले दशक में भारत ने श्रीहरिकोटा से 397 विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च किया है। AST SpaceMobile ने पिछले वर्ष बताया था कि वह Bluebird सैटेलाइट का ब्लॉक 2 लॉन्च करने के लिए जियो-सिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) का इस्तेमाल करेगी।  

भारत की योजना अब अपना स्पेस स्टेशन बनाने की है। इस स्टेशन का नाम "भारत अंतरिक्ष स्टेशन" होगा। इसकी स्थापना 2035 तक की जा सकती है। ISRO की ओर से Gaganyaan मिशन को सफल बनाने के लिए तैयारी की जा रही है। ISRO ने इस मिशन के लिए ह्युमन रेटेड लॉन्च व्हीकल Mark-3 (HLVM3) की असेंबलिंग शुरू कर दी है। देश के महत्वाकांक्षी गगनयान ह्युमन स्पेसफ्लाइट मिशन के तहत बिना क्रू वाले पहले मिशन की यह शुरुआत है। ISRO ने S200 सॉलिड रॉकेट मोटर के नोजल एंड सेगमेंट की स्टैकिंग के साथ असेंबलिंग शुरू की है। HLVM3 का डिजाइन विशेषतौर पर ह्युमन स्पेसफ्लाइट के लिए बनाया गया है। यह LVM3 रॉकेट का एडवांस्ड वर्जन है। इसकी ऊंचाई लगभग 53 मीटर और भार लगभग 640 टन का है। यह थ्री-स्टेज रॉकेट लो अर्थ ऑर्बिट तक लगभग 10 टन का भार ले जा सकता है। इसमें ह्युमन-रेटेड डिजाइन के साथ ही वापसी के दौरान किसी गड़बड़ी की स्थिति में क्रू मॉड्यूल के सुरक्षित इजेक्शन को सुनिश्चित करने के लिए क्रू एस्केप सिस्टम (CES) भी शामिल है। 
 
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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